नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी की फिनिशर की भूमिका पर लगातार उठते सवालों के कारण यह चर्चा भी हो रही है क्या उन्हें बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आना चाहिए लेकिन कोच अनिल कुंबले ने बुधवार को साफ किया कि सीमित ओवरों के कप्तान के पास पर्याप्त अनुभव है और उन्हें पांव जमाने के लिए कीज पर समय बिताने की जरूरत नहीं है।
कुंबले से पूछा गया कि क्या अगले साल ब्रिटेन में होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी को ध्यान में रखकर धोनी को बल्लेबाजी क्रम में ऊपर आने के लिए कहा जाएगा, उन्होंने कहा, यह सब मैच की परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
उन्होंने कहा, लक्ष्य का पीछा करते हुए आपको अधिक अनुभव की जरूरत पड़ती है। जहां तक धोनी का सवाल है तो उनके पास पर्याप्त अनुभव है। उन्होंने वर्षों से यह साबित किया कि एक बल्लेबाज के तौर पर वे काफी क्षमतावान हैं।
उन्होंने कहा, हमें असल में इस पर गौर करने की जरूरत नहीं है कि उन्हें क्रीज पर पांव जमाने के लिए समय दिया जाना चाहिए। आप संभवत: विभिन्न परिस्थितियों के अनुसार, अलग-अलग बल्लेबाजी क्रम देखोगे।
कुंबले ने कहा कि मनीष पांडे की घरेलू क्रिकेट में दबाव की परिस्थितियों में खेलने के अनुभव और अपने संक्षिप्त अंतरराष्ट्रीय करियर के दौरान उन्होंने जो चमक दिखाई उसे देखते हुए उन्हें नंबर चार के बल्लेबाज के रूप में देखा जा रहा है।
उन्होंने कहा, हमारे पास कुछ विकल्प हैं। निश्चित तौर मनीष ने हाल में अच्छा प्रदर्शन किया है। धर्मशाला में उसने अच्छी शुरुआत की थी। यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है। पहले और बाद में बल्लेबाजी करने की स्थिति में किसी को ऊपर आने के लिए कहा जा सकता है। मनीष ने लेकिन काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें घरेलू क्रिकेट का अच्छा अनुभव है और हम निश्चित रूप से नंबर चार बल्लेबाज के रूप में उन पर गौर कर रहे हैं।
कुंबले ने कहा, मेरा मानना है कि रहाणे शीर्ष क्रम में फिट बैठते हैं और इस पर हम कायम रहेंगे। हां, शिखर और राहुल के फिट हो जाने के बाद हमारे पास विकल्प होंगे लेकिन इंग्लैंड जब (जनवरी में) एकदिवसीय मैच खेलने के आएगा तभी इस पर गौर करेंगे। अभी हमारे पास अगली एकदिवसीय श्रृंखला के लिए काफी समय है।
उन्होंने कहा, इस एकदिवसीय श्रृंखला में रहाणे ही पारी का आगाज करेंगे। चैंपियन्स ट्रॉफी में हम तब फैसला करेंगे कि कौन पारी की शुरुआत करेगा। कुंबले ने हार्दिक पंड्या के बारे में कहा कि उससे टीम को उचित संतुलन मिलता है।
उन्होंने कहा, वह (हार्दिक) से हमें संतुलन मिलता है क्योंकि वे केवल गेंदबाजी नहीं कर सकते बल्कि अच्छी तेजी से गेंदबाजी करते हैं। यह अच्छा है कि उन्होंने पहले मैच में नई गेंद से अच्छी गेंदबाजी की। धोनी की यह रणनीति थी। इससे वास्तव में खुशी हुई कि उन्होंने अपने पहले मैच में ही 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार हासिल किया।
उन्होंने कहा, इससे उन्हें काफी आत्मविश्वास मिला होगा। जैसे मैंने कहा था कि ऑलराउंडर जो तेज गेंदबाजी कर सकते हैं और बल्लेबाजी कर सकते हैं वे टीम के लिए महत्वपूर्ण होते हैं और वे ऐसे खिलाड़ी हैं जिन पर हम करीबी निगाह रखे हुए हैं। हमें उम्मीद है कि हार्दिक सात-आठ या दस ओवर करेंगे, जिससे निश्चित रूप से टीम में बेहतर संतुलन पैदा होगा। (भाषा)