धोनी ने माना कि निचले क्रम पर खेलना और टीम के लिए अहम समय पर बल्लेबाजी क्रम में उतरने के लिए खिलाड़ी में अधिक क्षमता होनी चाहिए और उम्र और समय के साथ निचले क्रम पर उनके खेल का स्तर कुछ कम हुआ है। चेन्नई को आईपीएल-2018 में खिताब दिलवाने में अहम भूमिका निभाने वाले टीम के कप्तान ने कहा 'मेरे दिमाग में यह साफ था कि मुझे बल्लेबाजी क्रम में ऊपर खेलना है क्योंकि मेरी उम्र हो गई है।'
36 साल के खिलाड़ी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा 'मुझे मैच जीतने की जिम्मेदारी लेनी थी, लेकिन यदि मैं निचले क्रम पर उतरता तो मेरे पास अधिक रन बनाने का समय नहीं होता। मैं यदि निचले क्रम पर खेलता तो जल्दी आउट हो जाता, ऐसे में ऊपरी क्रम पर बल्लेबाजी करना एक विकल्प था ताकि क्रीज पर अधिक देर तक उतर सकता। मेरे लिए ऊपरी क्रम में तीन, चार या पांचवें नंबर पर खेलने से कोई फर्क नहीं पड़ता।'
धोनी ने आईपीएल के 11वें सत्र में चेन्नई के 16 मैचों में 455 रन बनाए थे और टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। धोनी अपने सबसे सफल आईपीएल सत्र से मात्र छह रन ही दूर रहे। चेन्नई को इस वर्ष डैथ ओवर की बल्लेबाजी में भी काफी सफलता मिली और बाकी टीमों की तुलना में उसका औसत आखिरी ओवरों में रन बनाने के मामले में सबसे अच्छा रहा। चेन्नई के कप्तान ने भी आखिरी पांच ओवरों में 99 के औसत से रन बटोरे।
धोनी ने कहा कि उनकी टीम के बल्लेबाजी क्रम की वजह से वह आक्रामक खेल सके। उन्होंने कहा 'मैंने कहा था कि मैं ऊपरी क्रम में खेलूंगा, तो मेरे लिए जरूरी था कि आक्रामक खेलूं ताकि निचले क्रम के खिलाड़ी मैच को आराम से फिनिश कर सकें।'
उन्होंने कहा 'हमने पूरे आईपीएल में ही अपने पूरे बल्लेबाजी क्रम को उपयोग नहीं किया क्योंकि ओपनिंग क्रम में शेन वाटसन, अंबाती रायुडू और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों ने कमाल किया लेकिन मेरी योजना शुरू से ही थी कि टीम आखिर तक बल्लेबाजी करे, जहां हर खिलाड़ी बल्लेबाजी कर सके और इसी से मुझे भी आक्रामक खेल दिखाने का मौका मिला।' (वार्ता)