अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अंपायरों के एलीट पैनल से हाल में संन्यास लेने वाले माराइस इरासमस ने 2019 वनडे विश्व कप फाइनल में बड़ी गलती करने की बात स्वीकार की है। इंग्लैंड ने प्रतिष्ठित लॉर्ड्स मैदान में विवादास्पद अंदाज में फाइनल जीता था।सुपर ओवर के बाद भी मुकाबला टाई रहने के बाद इंग्लैंड ने अब रद्द कर दिए गए बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर न्यूजीलैंड को हराकर अपना पहला एकदिवसीय विश्व कप खिताब जीता था।
हालांकि यदि मैदानी अंपायर इरासमस और कुमार धर्मसेना इंग्लैंड को 50वें ओवर में ओवरथ्रो के लिए छह रन नहीं देते तो खेल निर्धारित समय में समाप्त हो सकता था। उस समय मेजबान टीम को तीन गेंद पर नौ रन चाहिए थे। बाद में यह महसूस किया गया कि इंग्लैंड को केवल पांच रन दिए जाने चाहिए थे क्योंकि ओवर थ्रो होने तक बल्लेबाजों ने दूसरा रन लेते हुए एक दूसरे को पार नहीं किया था।
Marais Erasmus said, "the next morning after 2019 WC Final, Dharmasena said, 'did you see we made a massive error?' That's when I got to know, but on the field, we just said 6, we communicated, '6,6, its SIX' not realising they haven't crossed, it wasn't picked up". (Telegraph). pic.twitter.com/RQlPKsr2hT
इरासमस ने द टेलीग्राफ से कहा, अगली सुबह (फाइनल के बाद) मैंने नाश्ता करने के लिए जाते हुए अपने होटल के कमरे का दरवाजा खोला और कुमार ने भी उसी समय अपना दरवाजा खोला और उन्होंने कहा, क्या आपने देखा कि हमने एक बड़ी गलती की है? तभी मुझे इसके बारे में पता चला।
उन्होंने कहा, लेकिन मैदान पर उस पल में, जैसा कि आप जानते हैं, हमने एक-दूसरे से सिर्फ इतना कहा, छह, छह, यह छह रन है बिना यह महसूस किए कि उन्होंने एक दूसरे को पार नहीं किया है।
इरासमस ने 127 टेस्ट, 192 वनडे और 61 टी20 में मैदानी अंपायर की भूमिका निभाई। इस 60 वर्षीय अंपायर ने पांच साल पहले खेले गए फाइनल में एक और गलती स्वीकार की जब उन्होंने मार्क वुड की गेंद पर रोस टेलर को पगबाधा आउट करार दिया था।
दक्षिण अफ्रीका के इस पूर्व अंपायर ने कहा, गेंद काफी ऊपर लगी थी लेकिन वे अपने रिव्यु खत्म कर चुके थे। पूरे सात हफ्तों में यह मेरी एकमात्र गलती थी और उसके बाद मैं बहुत निराश हुआ क्योंकि अगर मैंने पूरे विश्व कप में कोई गलती नहीं की होती तो यह शानदार होता। इससे जाहिर तौर पर खेल पर थोड़ा असर पड़ा क्योंकि वह उनके शीर्ष खिलाड़ियों में से एक था।
अपने लंबे अंपायरिंग करियर के दौरान न्यूजीलैंड ने इरासमस पर सबसे कम दबाव डाला जबकि रिकी पोंटिंग और महेला जयवर्धने जैसे खिलाड़ियों ने उन्हें और उनके सहयोगियों को डराने की कोशिश की थी।
उन्होंने कहा, वे (न्यूजीलैंड के खिलाड़ी) हमेशा बहुत, बहुत सम्मानजनक होते थे जबकि जबकि पोंटिंग और जयवर्धने हमें डराने की कोशिश करते थे।(भाषा)