डरा-धमकाकर लेता हूं विकेट : जॉनसन

सोमवार, 22 दिसंबर 2014 (18:56 IST)
मेलबर्न। भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा के भड़काने के बाद सक्रिय हुए ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन ने कहा है कि मैच में मानसिक दबाव बनाना जरूरी होता है और वे डरा-धमकाकर विकेट लेने में गुरेज नहीं करते हैं।
ब्रिस्बेन टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले जॉनसन ने अन्य सीरीज का जिक्र करते हुए कहा कि यह टीम की योजना का हिस्सा होता है। उन्होंने बताया कि पिछले सत्र में एशेज सहित इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में बल्लेबाजों पर मानसिक दबाव बनाना रणनीति का हिस्सा रहता है।
 
जॉनसन ने कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम की योजना थी कि बल्लेबाजों और खासतौर पर निचले क्रम के खिलाड़ियों पर मानसिक दबाव बनाया जाए। उन्होंने साथ ही कहा कि वर्ष 2011 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दौरान वे चोटिल हो गए थे जिससे उन्हें और बेहतर खिलाड़ी बनने में मदद मिली।
 
ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने मानसिक रूप से खेलने को लेकर पूछे जाने पर कहा कि कई बार हम ऐसी बातें कहते हैं, जो बल्लेबाजों के दिमाग में जाएं या वे उनके बारे में सोचने पर मजबूर हो जाएं, जैसे हम उन्हें अहसास कराएं कि अगली गेंद शॉर्ट बॉल होगी। ऐसे में वह उसके बारे में सोचने लगेगा। यह 'मांइड गेम' होता है।
 
जॉनसन ने कहा कि टीवी पर यह सब देखने में खराब लगता है, जैसे विपक्षी खिलाड़ी एक-दूसरे पर जरूरत से अधिक कठोर हो रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं होता है। खिलाड़ी हमेशा अपनी सीमा रेखा में बने रहने का प्रयास करते हैं। जॉनसन ने माना कि उन्हें मैच में दिमाग से खेलना पसंद है।
 
तेज गेंदबाज ने कहा कि यदि आप बल्लेबाज के दिमाग में घुस जाएं और वह इस बारे में सोचने लगे तो गेंदबाज के लिए यह फायदेमंद होता है। मुझे खेल का यही हिस्सा सबसे अधिक पसंद है। मुझे नहीं लगता कि यह कभी रुकने वाला है तथा आक्रामकता से ही अच्छे परिणाम हासिल किए जा सकते हैं। 
 
जॉनसन ने ब्रिस्बेन में खेले गए दूसरे टेस्ट में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए निचले क्रम में बल्लेबाजी करते हुए 88 रन ठोके और भारत के 4 विकेट निकालकर ऑस्ट्रेलिया को सीरीज में 2-0 की बढ़त बनाने में मदद की। (वार्ता) 

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