जॉनसन ने एक साक्षात्कार में कहा कि टीम में कुछ ऐसे भी खिलाड़ी थे, जो क्लार्क की कप्तानी में खेलना ही नहीं चाहते थे। वर्ष 2011 में रिकी पोंटिंग से कप्तानी लेने के बाद क्लार्क के नेतृत्व में टीम टूट गई थी। उन्होंने पूरी टीम को अलग-थलग करके रख दिया था। जॉनसन ने गत वर्ष एशेज सीरीज हारने के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
34 वर्षीय जॉनसन ने कहा कि मुझे ये पसंद नहीं आया। मुझे लगता है कि उस समय टीम में संबंध काफी खराब थे। मैं खुद को बाहरी महसूस करता था। क्लार्क की कप्तानी में खेलने पर मेरा अनुभव बेहद खराब रहा है। जब क्लार्क कप्तान थे तो ड्रेसिंग रूम का माहौल काफी गंदा था। खिलाड़ियों और कप्तान के बीच का तालमेल भी काफी खराब था।
पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि क्लार्क के समय काफी कुछ बदल गया था। टीम अब वह टीम नहीं रह गई थी, जो पहले थी। इसमें अलग-अलग गुट बन गए थे और माहौल काफी खतरनाक हो गया था। सब लोग इस बात को देख भी रहे थे, लेकिन किसी ने इसे ठीक करने के लिए कुछ नहीं किया। टीम में रहने में मजा नहीं आ रहा था। आप जब देश के लिए खेलते हैं तो आपको मजा आना चाहिए। (वार्ता)