फिल्म 'अजहर' को लेकर क्‍यों नर्वस हैं मोहम्मद अजहरुद्दीन...

मंगलवार, 10 मई 2016 (17:45 IST)
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन अपने जीवन पर बनी फिल्म 'अज़हर' को लेकर नर्वस महसूस कर रहे हैं लेकिन उनका मानना है कि यह फिल्म दर्शकों को पसंद आएगी।
          
अज़हर मंगलवार को यहां अपनी फिल्म में अज़हर का किरदार निभा रहे इमरान हाशमी, अभिनेत्री प्राची देसाई और निर्देशक टोनी डिसूजा के साथ मौजूद थे और उन्होंने इस फिल्म से जुड़े पहलुओं पर खुलकर बातचीत की मगर फिक्सिंग के सवालों को वह टाल गए। 'अजहर' देशभर में 13 मई को रिलीज हो रही है।
            
पूर्व कप्तान ने अपने जीवन पर बनी इस फिल्म के बारे में पूछे जाने पर कहा, यह कुछ ऐसा ही है, जैसा मेरे साथ बल्लेबाजी के समय होता था। बल्लेबाजी के लिए जाते समय मैं नर्वस महसूस करता था और अब जब फिल्म को रिलीज होने में तीन दिन रह गए हैं तो मैं थोड़ा नर्वस महसूस कर रहा हूं, लेकिन मैं उम्मीद करता हूं कि यह फिल्म लोगों को पसंद आएगी। 
            
मीडिया में इस फिल्म को लेकर उनकी शिकायतों के बारे में आई खबरों पर अज़हर ने सधे हुए अंदाज़ में कहा, नहीं मुझे किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है, बल्कि फिल्म को लेकर मैं काफी सहज हूं। टोनी हमारी टीम के कप्तान हैं, उन्होंने अच्छा काम किया है और आप कप्तान से कोई शिकायत नहीं कर सकते।
 
भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक अजहरुद्दीन अपने जीवन के काले अध्याय मैच फिक्सिंग के सवालों के बाउंसर को डक करते हुए टाल गए। उन्होंने कहा, मैंने फिल्म की स्क्रिप्ट को पढ़ा था, कुछ परिवर्तन सुझाए थे, जिसे निर्देशक ने स्वीकार कर लिया था। मैं इस मुद्दे पर कुछ कहना नहीं चाहता हूं और यदि इस फिल्म में इस बारे में कुछ दिखाया गया है तो वह आपको फिल्म देखकर ही पता चलेगा।
        
अज़हर ने कहा, मैं किसी को कुछ कहने से रोक नहीं सकता। लोगों की अपनी सोच है और वे जो सोचना चाहते हैं, सोचेंगे। उन पर मेरा बस नहीं है। मैं हमेशा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाना चाहता हूं, जिसने जरूरत में लोगों की और मानवता की मदद की है। मैं भी एक सामान्य व्यक्ति हूं और हमेशा लोगों की मदद करना चाहता हूं।         
 
फिल्म निर्देशक डिसूजा ने अज़हर को बायोपिक मानने से इंकार करते हुए कहा, यह बायोपिक नहीं है, बल्कि उनके जीवन के कुछ पहलुओं और उनके समय को लेकर बनाई गई है। इसे बनाने में हमने कुछ आजादी भी ली है। यह फिल्म 80 फीसदी तथ्यात्मक है, जबकि 20 फीसदी हिस्से में हमने अपने हिसाब से बदलाव किए  हैं।
         
इन बदलावों के बारे में पूछे जाने पर डिसूजा ने कहा, हमने कुछ गाने डाले हैं, किसिंग सीन हैं और कुछ डायलॉग में बदलाव किए हैं। हमने उनके जीवन में आए उथल-पुथल के बारे में बताने की कोशिश भी की है और मैं यह कहना चाहता हूं कि यह डॉक्यूमेंट्री ड्रामा नहीं है। (वार्ता)

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