विजय ने कहा, मुझे टेस्ट में खेलने की उम्मीद थी और वास्तव में मुझे यकीन था कि मैं खेलूंगा। मैंने पर्थ टेस्ट के दौरान दूसरी पारी में अच्छा प्रदर्शन किया था। मुझे दुख होता है कि मैं भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हूं। मैं निराश नहीं हूं लेकिन दुखी हूं।
भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा, लोग मुझे जानते या समझते नहीं है। मैं खुद से कोई प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा हूं। मैं टीम में नए खिलाड़ियों को मौका मिलने से परेशान नहीं हूं। दो साल पहले मैंने कहा था कि पृथ्वी शॉ देश के लिए खेलेंगे और मैं उनके लिए काफी खुश हूं।
विजय ने कहा, मैंने भारत के लिए टेस्ट में लगभग 4000 रन बनाए हैं और मुझे इसकी खुशी है। मैंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में विपरीत परिस्थितियों में रन बनाए हैं और मैं तब टीम का हिस्सा बना जब वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे बल्लेबाज टीम में मौजूद थे।
विजय ने कहा, मैं तब तक खेलूंगा जब तक मेरा दिल कहेगा, आप मुझे खेल से दूर नहीं रख सकते। मैं 34 वर्ष का हूं और पूरी तरह से फिट हूं। मेरे पास अभी काफी टेस्ट क्रिकेट बचा है। मुझे उम्मीद है मैं एक बार फिर भारत के लिए खेलूंगा। (वार्ता)