दुनिया के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजों का सामना करते हुए जिसके कदम कभी नहीं कांपे, वही बल्लेबाज सोमवार को एक-एक शब्द बोलते हुए लड़खड़ा रहा था। करियर में सैकड़ों बार मीडिया के सवालों और कैमरों की चकाचौंध का सामना मुस्कुराते हुए करने वाला यह क्रिकेटर मोबाइल में लिखा हुआ बयान भी ठीक से नहीं पढ़ सका। आंखों से आंसू बह रहे थे... लोग ढांढस बंधा रहे थे।
यह व्यथा थी इंदौर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर नमन ओझा की, जिन्होंने सोमवार को अपने 20 साल के करियर को विराम देने की घोषणा की।एक क्रिकेटर के लिए सबसे मुश्किल लम्हा उस बल्ले को टांगना होता है, जिंदगीभर जिसे उठाते हुए वह शान समझता रहा हो। भारत के लिए एक टेस्ट, एक वन-डे और दो टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलने वाले मध्यप्रदेश के पूर्व कप्तान नमन ओझा ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा की। अपना बयान नमन लिखकर लाए थे, लेकिन जैसे ही बोलना शुरू किया तो आंसू फूट पड़े। थोड़ी देर बाद खुद को संभाला और रुंधे गले से अपने जज्बात पूरे किए।
नमन ने 146 प्रथमश्रेणी और 182 टी-20 मैच खेले। आइपीएल में कई टीमों का प्रतिनिधित्व किया। उनके बाद मप्र से किसी ने टेस्ट क्रिकेट नहीं खेला। वर्तमान सत्र में नमन को मप्र टीम में जगह भी नहीं मिली। फिटनेस के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा- "मेरी फिटनेस ठीक है। अभी भी प्रेक्टिस करता हूं। मुझे कई राज्यों से प्रस्ताव मिले। मैं 14 साल का था जब घर छोड़कर इंदौर आया था। मैं परिवार को समय नहीं दे सका। अब चाहता हूं कि अपने बच्चों को समय दूं। अब इच्छा है कि ग्लोबल क्रिकेट लीग में खेलूं।"