India vs Australia Adelaide Test : भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर (Abhishek Nayar) का मानना है कि ऐसी भी टीम हैं जिनमें सीनियर खिलाड़ियों के लिए जूनियर खिलाड़ियों के लिए अंतिम एकादश से बाहर होने की बात स्वीकार करना मुश्किल हो जाता है लेकिन अगर आपके पास रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) और रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी हों तो ऐसा करना कठिन नहीं है।
जडेजा और अश्विन के नाम कुल मिलाकर 855 विकेट हैं। दोनों को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में पहले टेस्ट मैच की अंतिम एकादश से बाहर कर दिया गया था जबकि मौजूदा फॉर्म और उछाल भरी पिचों पर बल्लेबाजी करने की काबिलियत को देखते हुए वाशिंगटन सुंदर (Washington Sundar) को मौका दिया गया था।
ऐसा नहीं है कि दोनों को खिलाया जाना था लेकिन आमतौर पर जडेजा अपनी बल्लेबाजी काबिलियत की वजह से विदेशी टेस्ट मैच में निश्चित तौर पर शुरुआती खिलाड़ी होते हैं।
मुंबई के पूर्व रणजी खिलाड़ी नायर ने प्रधानमंत्री एकादश (PM XI) के खिलाफ भारत के दो दिवसीय अभ्यास मैच की पूर्व संध्या पर पत्रकारों से कहा, यह तब मुश्किल होता है जब आपके पास ऐसे वरिष्ठ खिलाड़ी हों जो यह बात नहीं समझते। लेकिन जब आपके पास जड्डू (जडेजा) और ऐश (अश्विन) जैसे वरिष्ठ खिलाड़ी हों जो समझते हैं कि टीम क्या करने की कोशिश कर रही है तो यह बहुत आसान हो जाता है क्योंकि टीम की प्रथम नीति पर रोहित (Rohit Sharma) और गौती (Gautam Gambhir) भाई विश्वास करते हैं।
नायर का मानना है कि पूरी टीम रोहित और गंभीर की रणनीति के अनुसार चलती है जिसमें ये दो महान स्पिन खिलाड़ी भी शामिल हैं।
पूर्व आल राउंडर ने कहा, मुझे लगता है कि वे सभी इसे अपना चुके हैं। इसलिए मुझे बहुत खुशी हुई कि जड्डू और अश्विन युवा खिलाड़ियों की मदद करने जा रहे हैं ताकि वे यहां अच्छा प्रदर्शन करें। उन्हें समझाना बहुत मुश्किल नहीं था और हर कोई चाहता है कि टीम इंडिया जीते।
जब उनसे पूछा गया कि क्या स्पिनरों की कोई भूमिका होगी तो उन्होंने सामान्य सा जवाब देते हुए कहा, मुझे हमेशा लगता है कि क्रिकेट के खेल में किसी की भी भूमिका कम नहीं होती, फिर चाहे आप स्पिनर हों या तेज गेंदबाज, आपके पास हमेशा मौका रहता है।
उन्होंने कहा, हां, योजनाएं बदल सकती हैं। आप गेंद कैसे छोड़ते हैं और किस गति से गेंदबाजी करते हैं, इसमें बदलाव हो सकता है। यही वजह है कि आप गुलाबी गेंद के साथ तैयारी करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, हो सकता है, लाल गेंद की तुलना में यह थोड़ी ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो और मुख्य रूप से इसलिए क्योंकि आपने गुलाबी गेंद से उतनी गेंदबाजी नहीं की है। लेकिन मेरा मानना है कि किसी भी शीर्ष स्तर के स्पिनर के पास मौका होगा।
हर्षित राणा की चर्चा पर करते हुए नायर खुश दिखे और उन्होंने कहा, ड्रेसिंग रूम में हर कोई हर्षित से बहुत खुश है। दो साल पहले उसे यकीन नहीं था कि वह अंडर-23 टीम में जगह बना पाएगा या नहीं। यही यात्रा है।
उन्होंने कहा, और अब भारत के लिए खेलना और पर्थ में उसने जो किया और आगे जो करेगा, यह निश्चित रूप से उत्साहजनक है और उसे लगातार मजबूत होते देखना बहुत अच्छा लगता है। (भाषा)