कारपोरेट भागीदारी से देश में ओलंपिक केंद्रों की स्थापना की खेल मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना में भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी दो से तीन ओलंपिक खेलों का जिम्मा उठाने को तैयार है और इस योजना पर इस साल काम शुरू हो जाएगा। खेलमंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandviya) के साथ गुरुवार को हुई बैठक में BCCI ने यह प्रस्ताव रखा। बैठक में कारपोरेट जगत के 58 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया ,ओलंपिक खेलों के विकास के लिए कारपोरेट जगत की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए हुई अहम बैठक में देश में जापान की तर्ज पर ओलंपिक केंद्र खोलने का प्रस्ताव रखा गया।
सूत्र ने कहा , कारपोरेट जगत के 58 प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला (Rajiv Shukla) भी मौजूद थे जिन्होंने कहा कि बोर्ड दो . तीन खेलों का जिम्मा लेने को तैयार है और यह मंत्रालय तय करेगा कि वे खेल कौन से होंगे।
सूत्र के अनुसार ये सभी केंद्र एक एक ओलंपिक खेल को समर्पित होंगे और लॉस एंजिलिस ओलंपिक 2028 (Los Angeles Olympics 2028) को ध्यान में रखकर इनमें उस खेल के 100 से 200 प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को एक ही जगह पर आधुनिक प्रशिक्षण सुविधायें और विशेषज्ञ उपलब्ध होंगे।
समझा जाता है कि मंत्रालय ने जापान , अमेरिका और आस्ट्रेलिया के ओलंपिक केंद्रों से प्रेरणा ली है जहां से कई ओलंपिक पदक विजेता निकले हैं।
बीसीसीआई ने 2008 में राष्ट्रीय खेल विकास कोष में 50 करोड़ रूपये और पिछले साल पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय ओलंपिक संघ को 8 . 5 करोड़ रूपये दिए थे। इसके अलावा बोर्ड ने टोक्यो ओलंपिक 2021 के पदक विजेताओं को चार करोड़ रूपए नकद पुरस्कार भी दिये थे।
सूत्र ने यह भी बताया कि भारतीय खेलों खासकर टेनिस और फुटबॉल को मजबूत बनाने के लिए विदेश में बसे भारतीय मूल के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन की पात्रता फिर देने पर भी विचार किया जा रहा है।
इस पर 2008 में रोक लगा दी गई थी और केवल भारतीय पासपोर्ट धारक ही भारत के लिए खेल सकते हैं।
सूत्र न कहा कि अभी काफी शुरूआती चरण की बातचीत चल रही है और सभी पक्षों से सलाह ली जा रही है। (भाषा)