पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज राशिद लतीफ ने कहा कि अगर उनके पास अधिकार होता तो वह पाकिस्तान को किसी भी टूर्नामेंट में भारत के खिलाफ नहीं खेलने देते और उन्होंने साथ ही सुझाव दिया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को दोनों देशों को तब तक वैश्विक प्रतियोगिताओं की मेजबानी का अधिकार नहीं देना चाहिए जब तक कि दोनों अपनी समस्याएं नहीं सुलझा लेते।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने अपनी टीम को आगामी चैंपियन्स ट्रॉफी के लिए पाकिस्तान भेजने से इनकार कर दिया है और इस तरह की अटकलें हैं कि पूरे टूर्नामेंट का आयोजन देश से बाहर हो सकता है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) को पत्र लिखकर बीसीसीआई से लिखित में पुष्टि मांगी है कि भारत टूर्नामेंट के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने में असमर्थ है।
लतीफ ने PTI (भाषा)
वीडियो से कहा, इस तरह की संभावना है कि पाकिस्तान भारत के खिलाफ क्रिकेट खेलना छोड़ सकता है। अगर मेरे पास अधिकार होता तो हां, मैं शायद यह कड़ा कदम उठा लेता। मैं इसके लए किसी को दोषी नहीं ठहराऊंगा। अगर आप (पाकिस्तान में) नहीं खेलना चाहते तो फिर हमारे खिलाफ (बिलकुल भी) मत खेलिए।
उन्होंने कहा, अगर मैं वहां होता तो मैं यह फैसला करता और बीसीसीआई के खिलाफ लड़ता।
लतीफ ने सुझाव दिया कि मसलों का समाधान निकलने तक आईसीसी को भारत और पाकिस्तान दोनों को बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी नहीं देनी चाहिए।
पाकिस्तान के लिए 37 टेस्ट और 166 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेलने वाले लतीफ ने कहा, मेरे नजरिए से आईसीसी को दोनों देशों के मेजबानी अधिकार तब तक रोक कर रखने चाहिए जब तक कि उनके बीच के मुद्दे सुलझ नहीं जाते, जब तक कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता।
क्रिकेट में राजनीतिक हस्तक्षेप, विशेषकर एशिया में, पर लतीफ ने आईसीसी के श्रीलंका (2023 में) और जिम्बाब्वे (2019 में) पर लगाए गए प्रतिबंध का जिक्र किया और सवाल किया कि वैश्विक संचालन संस्था भारत और पाकिस्तान के प्रति इतनी नरम क्यों है।
आईसीसी ने पिछले साल नवंबर में देश में खेल के प्रशासन में कथित राजनीतिक हस्तक्षेप के लिए श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) को निलंबित कर दिया था। इस साल जनवरी में निलंबन हटा दिया गया।
लतीफ ने कहा, भारत और पाकिस्तान पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा रहा है? क्योंकि आईसीसी का उन पर बहुत कुछ दांव पर लगा है।
इसे पूर्व क्रिकेटर ने पाकिस्तान में भारतीय टीम की सुरक्षा चिंताओं के बारे में बीसीसीआई के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि आईसीसी की सुरक्षा टीम ने उनके देश का आकलन किया था और उसे सुरक्षित माना था।
लतीफ ने कहा, मैं कहूंगा कि यह पहली बार है जब बीसीसीआई की गलती है। वे जो कारण बता रहे हैं वह बहुत कमजोर है। यह लिखित में होना चाहिए कि बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट टीम को खतरा महसूस हो रहा है।
उन्होंने कहा, आईसीसी की सुरक्षा टीम यहां आई और टूर्नामेंट के लिए हरी झंडी दी। अगर आपको कोई समस्या थी तो आप उन्हें बता सकते थे।
VIDEO | "There's a big possibility that Pakistan can stop playing cricket against India. If I had would have been in power then yes, I may have taken this strong step. I would not blame anyone on this, if you don't want to play then don't play against us. If I had been there then… pic.twitter.com/BzcEh39Rbj
यह पूछे जाने पर कि यदि टूर्नामेंट को कहीं और स्थानांतरित किया जाता है तो क्या पाकिस्तान चैंपियन्स ट्रॉफी से हट जाएगा, इस अनुभवी खिलाड़ी ने कहा, किसी ने इसे लिखित में नहीं देखा है। इसे कागज के एक टुकड़े पर लिखना होगा। हमने पीसीबी से बात की है और उन्होंने कहा है कि उन्होंने इस संबंध में पाकिस्तान सरकार को एक ईमेल भेजा है। यह एक गंभीर कानूनी मुद्दा है, कोई भी इसे लिखित में देने को तैयार नहीं है।
लतीफ को भरोसा है कि भारत के साथ मैचों की कमी से पाकिस्तान क्रिकेट की प्रगति में बाधा नहीं आएगी।
उन्होंने कहा, हम 12 साल तक स्वदेश में नहीं खेले। इससे अधिक दुख की बात और क्या हो सकती है? पाकिस्तान को हर आठ साल में (आईसीसी से) तीन करोड़ 40 लाख डॉलर मिलेंगे, चाहे वे भारत के साथ खेलें या नहीं। जो बोर्ड अमीर हैं उन्हें नुकसान होगा, ना कि पीसीबी जैसे बोर्ड को जिसके पास पैसे नहीं हैं।
लतीफ ने कहा, पाकिस्तान द्विपक्षीय श्रृंखला खेलकर अपना अस्तित्व बचा सकता है, भले ही वह आईसीसी के बड़े टूर्नामेंट नहीं खेलें।