द्रविड़ करेंगे शास्त्री की छुट्टी! टी-20 विश्वकप के बाद बन सकते हैं हेड कोच

बुधवार, 11 अगस्त 2021 (11:14 IST)
नई दिल्ली: ओलंपिक में बेस्ट मेडल टेली का सपना तो पूरा हो गया अब लगता है भारतीय क्रिकेट फैंस के द्रविड़ को कोच बनते देखने का सपना भी जल्द पूरा होने वाला है। सूत्रों की मानें तो मुख्य कोच रवि शास्त्री, गेंदबाजी कोच भरत अरुण और बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ को यह बता दिया गया है कि वह टी-20 विश्वकप के बाद टीम से नहीं जुड़े रहेंगे। 
 
भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने बेंगलुरु स्थित नेशनल क्रिकेट एकेडमी  में क्रिकेट प्रमुख के लिए पद के लिए आवेदन मांगे हैं, जिसके लिए मौजूदा प्रमुख और भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ फिर से आवेदन कर सकते हैं। भारत की बेंच स्ट्रेंथ (राष्ट्रीय टीम के लिए खिलाड़ियों का पूल) बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले द्रविड़ को जुलाई 2019 में एनसीए प्रमुख के तौर पर नियुक्त किया गया था।

उन्होंने इससे पहले भारत अंडर -19 और भारत ए टीमों के कोच के रूप में जूनियर खिलाड़ियों के साथ बड़े पैमाने पर काम किया था। उनका दो साल का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त हो गया है और नियमों के अनुसार, बीसीसीआई ने इसके लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इस बात की संभावना है कि द्रविड़ दो साल के विस्तार के लिए फिर से आवेदन करें। आवेदन करने की आखिरी तारीख 15 अगस्त (रात 11:59 बजे तक) है।
 
बीसीसीआई  के एक सूत्र ने कहा, ‘ राहुल द्रविड़ इस पद के लिए फिर से आवेदन कर सकते हैं, लेकिन टी20 विश्व कप के बाद नवंबर 2021 में रवि शास्त्री का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और ऐसी संभावना है कि द्रविड़ (Rahul Dravid) राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच बनें। चाहे जो भी हो वह इस प्रणाली का अहम हिस्सा बने रहेंगे। ‘ भारत की मुख्य टीम के इंग्लैंड दौरे पर होने के कारण द्रविड़ हाल ही में श्रीलंका दौरे पर गयी सीमित ओवरों की टीम के मुख्य कोच थे।
फिलहाल नहीं है द्रविड़ की दिलचस्पी
 
श्रीलंका में छह मैचों के खत्म होने के बाद, उनसे भारत के मुख्य कोच बनने के बारे में पूछा गया था, लेकिन उन्होंने इस मुद्दे पर ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। उन्होंने कहा, ‘ ईमानदारी से कहूं तो मैंने वास्तव में बहुत आगे के बारे में कुछ भी नहीं सोचा है। मैं जो कर रहा हूं उसे करने में मुझे मजा आ रहा है।’ मुख्य कोच के लिए निर्धारित वर्तमान आयु सीमा, एनसीए प्रमुख भूमिका की तरह ही 60 वर्ष है। शास्त्री मई में 59 वर्ष के हो गए। अगर भारत टी20 विश्व कप में अच्छा प्रदर्शन नहीं करता है तो द्रविड़ राष्ट्रीय टीम के लिए मुख्य कोच की इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं। कप्तान कोहली और शास्त्री की जोड़ी ने भारत के लिए अभी तक कोई बड़ी प्रतियोगिता नहीं जीती है। शास्त्री की देख-रेख में टीम ने ऑस्ट्रेलिया दौरे सहित टेस्ट मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन वैश्विक खिताब जीतने में असफल रहे।
 
NCA चीफ की क्या जिम्मेदारी होगी?
 
बीसीसीआई की वेबसाइट के मुताबिक, ‘ एनसीए क्रिकेट प्रमुख अकादमी में क्रिकेट कोचिंग के सभी कार्यक्रमों के संचालन के लिए समग्र रूप से जिम्मेदार होगा। वह अकादमी में प्रशिक्षण में भाग लेने वाले सभी क्रिकेटरों की तैयारी, विकास और प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार होंगे।’ इसमें कहा गया है, ‘ वह पुरुष और महिला खिलाड़ी विकास कार्यक्रमों के तहत एनसीए में भेजे जाने वाले उभरते और युवा क्रिकेटरों के विकास के लिए जिम्मेदार होंगे।
होगा नए सपोर्ट स्टाफ का गठन
 
यह जानकारी एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार ने छापी है। यही नहीं सूत्रों के हवाले से यह भी कहा जा रहा है कि बोर्ड नए सपोर्ट स्टाफ का गठन करना चाहता है। शास्त्री की बात करें तो वह टीम इंडिया के साथ एक डायरेक्टर के तौर पर 2014 में जुड़े थे। वहीं 2016 टी-20 विश्वकप के बाद उनका कार्यकाल समाप्त हुआ और अनिल कुंबले को कोच बनाया गया। लेकिन चैंपियन्स ट्रॉफी में हार के बाद रवि शास्त्री की फिर वापसी हुई और तब से अब तक वह मुख्य कोच के तौर पर टीम के साथ जुड़े हुए हैं।

बतौर कोच राहुल द्रविड़ गाड़ चुके हैं झंडे 
 
वैसे देखा जाए तो राहुल द्रविड़ के लिए फैंस की यह मांग जायज भी है। ‘द वॉल’ द्रविड़ जितने महान खिलाड़ी रहे, उतना ही नाम उन्होंने बतौर कोच के रूप में भी कमाया। इंडिया ए और अंडर-19 टीमों ने द्रविड़ की कोचिंग की लगातार सफलता के झंडे गाड़े।
 
जानकारी के लिए बता दें कि, साल 2016 और 2019 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने फाइनल तक का सफर तय किया था और दोनों बार टीम के कोच राहुल द्रविड़ थे। 2016 में ईशान किशन की कप्तानी में भारत रनर-अप रहा था, जबकि 2019 में पृथ्वी शॉ की अगुवाई में चैंपियन बनकर सामने आया था।
 
बतौर खिलाड़ी द्रविड़ ने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि पूरे तीन एकदिवसीय विश्व कप खेले लेकिन एक बार भी वर्ल्ड कप का खिताब नहीं जीत सके। मगर 2019 में आखिरकार बतौर कोच उनका अपने हाथों में वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाने का सपना पूरा हुआ था।

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