रमन ने शुक्रवार को बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख राहुल द्रविड़ को पत्र लिखा है। रमन ने आरोप लगाया है कि उन्हें बदनाम करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, इसलिए इस पर रोक लगाई जानी चाहिए, हालांकि उन्होंने उन नामों का जिक्र नहीं किया है जो उनके खिलाफ अभियान चला रहे हैं। रमन का यह भी आरोप है कि कुछ लोगों को व्यक्तिगत हितों को टीम से ऊपर रखने की अनुमति है।
रमन ने पत्र में लिखा, “ बतौर कोच उनके नाकाबिल होने के अलावा अगर किन्हीं अन्य कारणों से उनकी दावेदारी खारिज की गई है तो यह काफी चिंताजनक है। मुझे कोच पद से हटने के क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के फैसले को स्वीकार करने में कोई हिचक नहीं है, लेकिन अगर यह फैसला खिलाड़ियों की शिकायत पर आधारित है तो यह भारतीय महिला क्रिकेट के हित में नहीं होगा। ”
पूर्व कोच ने पत्र में लिखा, “ मेरा मानना है कि मेरे काम करने के तौर तरीकों को लेकर आपको अलग अलग राय दी गई होगी। उनका मेरी दावेदारी पर कितना असर पड़ा, अब यह बात करना व्यर्थ है। महत्वपूर्ण यह है कि उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियान ने कुछ बीसीसीआई अधिकारियों का अवांछित ध्यान खींचा है जिस पर स्थायी रोक लगाए जाने की जरूरत है। अगर आपको या किसी पदाधिकारी को सफाई देने की जरूरत है तो मैं इसके लिए तैयार हूं। ”
उन्होंने कहा, “ 20 साल के अपने कोचिंग करियर में मैंने हमेशा ऐसी टीम संस्कृति तैयार की है जिसमें टीम पहले आती है। कोई खिलाड़ी टीम या खेल से बड़ा नहीं है। अब समय आ गया है कि आप जैसे दो लीजेंड महिला क्रिकेट को बचाएं, क्योंकि ऐसा नहीं करने पर चीजें गलत दिशा में चली जाएंगी। मेरे पास महिला क्रिकेट की बेहतरी के लिए सुझाव है और अगर आप इच्छुक हों तो आपके साथ साझा करना चाहूंगा। ”