ब्रिसबेन। भारतीय टीम विदेशी सरजमीं पर खराब प्रदर्शन के ठप्पे को मिटाने में अब तक विफल रही है। लेकिन मुख्य कोच रवि शास्त्री का मानना है कि जब अधिकांश टीमें ही विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रही हैं, तब किसी एक विशेष टीम को निशाना बनाना उचित नहीं है।
भारत को 2018 में दक्षिण अफ्रीका (1-2) और इंग्लैंड (1-4) के खिलाफ उन्हीं की सरजमीं पर हार का सामना करना पड़ा है। ऐसा तब है, जब माना जा रहा था कि यह विराट कोहली की टीम के पास अपने रिकॉर्ड के सुधार करने का शानदार मौका था।
यह पूछने पर कि भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया में श्रृंखला जीतना कितना महत्वपूर्ण है? शास्त्री ने कहा कि आपको अपनी गलतियों से सीखना होगा। जब आप विदेशी दौरे पर जाते हैं और जब आप आजकल विदेशी दौरा करने वाली टीमों को देखते हैं तो ऐसी काफी टीमें नहीं हैं, जो विदेश में अच्छा करती हैं।
यह पूछने पर कि क्या उन्होंने या कप्तान कोहली ने टीम से बात की कि आखिर क्यों उन्हें दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में हार का सामना करना पड़ा? तो शास्त्री ने कहा कि हमने बड़े मौकों का फायदा उठाने के बारे में बात की। अगर आप टेस्ट मैचों को देखें तो नतीजा आपको असली कहानी बयां नहीं करता। कुछ बेहद करीबी टेस्ट मैच खेले गए और कुछ बड़े लम्हों को हमने बुरी तरह गंवाया जिसके कारण अंत में हमें श्रृंखला गंवानी पड़ी।
शास्त्री ने यह मानने से इंकार कर दिया है कि पिछले कुछ महीनों में जो कुछ हुआ, उससे ऑस्ट्रेलियाई टीम ने अपनी चमक खो दी है, मुझे ऐसा नहीं लगता। मुझे लगता है कि अगर एक बार आपके अंदर खेल संस्कृति आ जाए तो यह हमेशा रहती है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि घरेलू मैदान पर कोई टीम कमजोर नहीं होती। भगवान ना करे ऐसा हो, पर हो सकता है कि जब कोई टीम भारत आए और हमारे 3 या 4 खिलाड़ी नहीं खेल रहे हों, तब अगर कोई सोचता है कि यह कमजोर टीम है, तो आपको हैरान होना पड़ सकता है।