तेंदुलकर से जब भारतीय टीम के पूर्व निदेशक रवि शास्त्री की पद नहीं मिलने की निराशा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने उस बैठक में जो भी बात की वह गोपनीय है। रवि का योगदान शानदार है और उन्होंने बहुत अच्छी भूमिका निभाई । मैंने उनके साथ क्रिकेट खेली है और खेल के प्रति उनके रवैये को समझा है। (भाषा)