ब्रिस्बेन: भारतीय कोच रवि शास्त्री गाबा में ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ने के बाद ड्रेसिंग रूम में जब अपने घायल योद्धाओं को उनके साहस, संकल्प और जज्बे के लिये शाबासी दे रहे थे थे तो सभी चेहरों पर मुस्कान बिखरी थी तथा सीटियां और तालियां बज रही थी।
इस जीत से भावुक शास्त्री ने कहा, जो साहस, संकल्प और जज्बा आपने दिखाया वह कल्पनातीत है। एक बार भी आपने पीछे मुड़कर नहीं देखा, चोटों से जूझने और 36 रन पर आउट (पहले टेस्ट में) होने के बावजूद आपने खुद पर भरोसा बनाये रखा।
शास्त्री जब अपनी बात कह रहे थे तब कप्तान अजिंक्य रहाणे चुपचाप उनके बगल में खड़े रहे।उन्होंने कहा, यह आत्मविश्वास रातों रात नहीं आया लेकिन अब इस आत्मविश्वास के दम पर आप देख सकते हैं कि एक टीम के तौर पर आप खेल को कहां से कहां तक ले गये। आज भारत ही नहीं पूरा विश्व तुम्हें सैल्यूट करेगा।