लेकिन शास्त्री का अंदाज इससे जुदा है और उनका सीधा मानना है कि कप्तान सर्वोपरि होता है और टीम हमेशा कप्तान की होती है। उन्होंने कहा, टीम हमेशा कप्तान की होती है और वही फैसले लेता है। कोच का काम पृष्ठभूमि में रहना होता है और खिलाड़ियों को अपनी जिम्मेदारी संभालने के लिए छोड़ देना होता है।
शास्त्री ने कहा कि कोच और अन्य सपोर्ट स्टाफ का काम खिलाड़ियों को सकारात्मक सोच में रखना होता है, ताकि वे मैदान पर अपना काम कर सकें। उन्होंने कहा, मैं अपना काम वहीं से शुरू करूंगा जहां छोड़कर गया था। (भाषा)