अश्विन ने किया खुलासा, असहनीय दर्द के कारण पिछले 2 साल से सोच रहे थे संन्यास के बारे में

मंगलवार, 21 दिसंबर 2021 (14:40 IST)
जोहानसबर्ग: भारत के सफलतम टेस्ट गेंदबाजों में से एक भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ख़ुलासा किया है कि वह एक समय क्रिकेट को छोड़ने का मन भी बना चुके थे।गौरतलब है कि रविचंद्रन अश्विन आईसीसी रैंकिंग में ना केवल दूसरे सर्वश्रेष्ठ टेस्ट गेंदबाज है बल्कि टेस्ट ऑलराउंडर भी है। ऐसे में उनका यह बयान काफी चौंकाने वाला है।

अश्विन को जैसे ही न्यूज़ीलैंड सीरीज़ और दक्षिण अफ़्रीका दौरे के बीच थोड़ा समय मिला, तो क्रिकइंफ़ो से बातचीत के दौरान भारत के प्रमुख ऑफ़ स्पिनर ने कुछ हैरान करने वाली बात भी बताई, जिसमें उन्होंने कहा,"2018 और 2020 के बीच कई बार मेरे मन में ख़्याल आया है कि अब मुझे इस खेल को त्याग देना चाहिए। मुझे लगता था कि मैं अपनी तरफ़ से कोशिश तो भरपूर कर रहा हूं लेकिन इसका फल मुझे नहीं मिल रहा। विशेष रूप से एथलेटिक प्यूबल्जिया और पेटेलर टेंडोनाइटिस के साथ - मैं छह गेंदें फेंकता था और फिर मैं हांफने लगता था। इसके बाद मेरा पूरा शरीर मानो दर्द से टूटने लगता था, जब घुटने का दर्द तेज़ होता, तो अगली गेंद पर मेरा जंप भी कम हो जाता था। जब मैं कम कूदता था, तो कंधों और पीठ के ज़रिए मुझे ज़्यादा ज़ोर लगाना होता था। और फिर ऐसा करने से मैं और भी तक़लीफ़ में ख़ुद को डाल देता था। यही वह समय था जब लगता था कि अब मुझे इस खेल से ब्रेक ले लेना चाहिए।"

अश्विन आगे कहते हैं, "आप मुझे कुछ भी कह सकते हैं, आप मुझे टीम से बाहर निकाल सकते हैं, सब ठीक है, लेकिन मेरे इरादे या मेरे प्रयास पर संदेह करना कुछ ऐसा है जिसने मुझे सबसे ज़्यादा चोट पहुंचाई है।"

ऑफ स्पिनर ने कहा,"2018 में इंग्लैंड श्रृंखला के ठीक बाद और फिर उसी साल ऑस्ट्रेलिया में सिडनी टेस्ट से पहले और एडिलेड टेस्ट के बाद मेरे ज़ेहन में संन्यास की बात आई। मैं जिस एकमात्र व्यक्ति से बात कर रहा था वह मेरी पत्नी थी। लेकिन मेरे पिता को मुझपर काफ़ी भरोसा था, वह यही कहते थे तुम सीमित ओवर क्रिकेट में फिर वापसी करोगे। उनकी इन बातों ने मुझे प्रेरित किया और मैंने अपना इरादा बदल दिया।"
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’I thought maybe I should try to find something else and be excellent at that’ R Ashwin on how injuries and ”not feeling backed” made him consider retiring from the game https://es.pn/3H40UUW #TalkingCricket - ESPNcricinfo (@ESPNcricinfo) 21 Dec 2021
अश्विन के पिता जी की बात और भरोसा बिल्कुल सही निकला और इस जाबांज़ खिलाड़ी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सिडनी टेस्ट के दौरान हनुमा विहारी के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक पारी खेलते हुए भारत की हार को टाला। इतना ही नहीं टी20 विश्वकप में भी अश्विन का चयन हुआ जहां उन्होंने एक बार फिर अपनी गेंदबाज़ी से सभी को प्रभावित किया।

हाल ही में अश्विन हरभजन सिंह को पीछे छोड़ते हुए टेस्ट क्रिकेट में तीसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले भारतीय बन गए हैं, और जल्द ही वह कपिल देव से भी आगे निकल जाएंगे। हालांकि मैदान के बाहर की बातों या बन रहे रिकॉर्ड अश्विन पर कोई असर नहीं डालते, उनका ध्यान हमेशा ही क्रिकेट खेलने पर रहता है।
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Ravichandran Ashwin (in Cricket Monthly) said ”Before the Australia series 2020-21, obsession for 6 months was to watch all the matches Australia played recently - I went through every single day’s play through the app & how Smith, Labuschagne all played against the spinners”.
 
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उन्होंने कहा, "सच कहूं तो अब मुझे कोई फ़र्क नहीं पड़ता। मैं अपने करियर के उस पड़ाव पर हूं जहां मेरे पास बाहरी शोर-शराबे के लिए वक़्त नहीं है। मैं सिर्फ़ क्रिकेट खेलना चाहता हूं। एक बात जो मुझे समझनी थी वह थी : मेरा मन हार क्यों मानना चाहता था? मैं क्यों क्रिकेट छोड़ना चाहता था? मैं खेल का आनंद नहीं ले रहा था। क्यों? क्योंकि इसके पीछे की वजह मैदान के अंदर नहीं मैदान के बाहर थी, अगर मैंने अपना ध्यान अंदर की ओर लगाया होता, तो मैं खेल का आनंद ले सकता था। मुझे बस यह स्वीकार करना था, चाहे कुछ भी हो, अगर मैं टीम में हूं, अगर मैं टीम में नहीं हूं, अगर मैं प्रदर्शन करता हूं, अगर मैं प्रदर्शन नहीं करता हूं, तो यह मेरी शर्तों पर होगा।"

अश्विन अब ऐसा ही कर रहे हैं और साथ ही साथ उनकी ख़ासियत ये भी है कि वह हर बल्लेबाज़ के लिए एक अलग योजना बनाते हैं और बल्लेबाज़ों के खेलने की शैली के हिसाब से अपनी गेंदबाज़ी में भी परिवर्तन करते रहते हैं।

उन्होंने कहा,"मैं जानता हूं कि अगर कोई बल्लेबाज़ मेरे ख़िलाफ़ आगे निकलकर खेलने की कोशिश करता है या फिर स्वीप करना चाहता है तो उसके लिए उसे कुछ अलग और काफ़ी तेज़ करना होगा। क्योंकि मैं उन स्पिनरों में से नहीं हूं जिनकी गेंद हवा में धीमी आती है, मैं तेज़ गति से गेंदबाज़ी करता हूं और इसके लिए आपको भी चपलता दिखानी होगी। अगर आपने फुर्ती दिखाई भी तो मैं अंतिम लम्हों में बल्लेबाज़ के खेलने के तरीक़े और उसके आक्रमण के हिसाब से अपनी गेंद में बदलाव ला सकता हूं।"

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