मैनचेस्टर के आर्म क्लीनिक में सर्जरी के बाद वे गुरुवार सुबह स्वदेश लौटे। तीन हफ्ते के अनिवार्य आराम के बाद साहा बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में रिहैबिलिटेशन शुरू करेंगे। साहा ने कहा, यह काफी मुश्किल है। आप हाथ को हिला नहीं सकते और मुझे इसे एक ही स्थिति में रखना है।
साहा ने कहा, यह तेज गेंदबाजों का सामना करने से अधिक मुश्किल है, लेकिन यह आगे बढ़ने और वापसी करने का एकमात्र तरीका है। मुझे यह करना ही होगा। साहा की नजरें अब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली टेस्ट श्रृंखला पर टिकी हैं, जो छह दिसंबर से शुरू होगी।
उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए अब भी काफी समय बचा है। देखते हैं क्या होता है। साहा ने कहा, चोटें खिलाड़ी के करियर का हिस्सा होती हैं, लेकिन किसी को भी चोटों के साथ नहीं खेलना चाहिए। सामान्यत: 55 प्रतिशत मामलों में चोट ठीक होने के बाद दोबारा नहीं उभरती। यह सब इस पर निर्भर करता है कि मैं कैसे उबरता हूं। मैं जल्दबाजी नहीं करना चाहता। मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ना चाहता हूं जिससे कि यह बढ़े नहीं। (भाषा)