पंत ने कहा कि उन्हें स्टंप माइक चालू रखने से कोई शिकायत नहीं है। यह (छींटाकशी) अपने आपको सकारात्मक और व्यस्त रखने का एक तरीका है। जब आप लंबे समय तक मैदान में होते हैं तो हर किसी का शरीर थक जाता है, ऐसे में आपको खुद को सकारात्मक और एकाग्र रखने की जरूरत होती है। मेरा यही तरीका है और यह मेरे लिए काम भी करता है इसलिए मैं ऐसा करता हूं। खिलाड़ी के तौर पर मैं इसके (स्टंप माइक चालू रखने) बारे में नहीं सोचता हूं। उस समय मुझे जो भी समझ आया, मैंने बोल दिया। मेरा यही एक तरीका है।
मेलबोर्न टेस्ट के दौरान पेन ने बल्लेबाजी कर रहे पंत को कहा था कि एमएस वनडे टीम में लौट आया है। इस बच्चे को होबार्ट हरीकेंस भेज देना चाहिए। इससे होबार्ट जैसे खूबसूरत शहर में छुट्टियां बिताने का मौका भी मिलेगा। क्या तुम बच्चे खिला सकते हों? मैं अपनी पत्नी को सिनेमा ले जाऊंगा और तब तक तुम मेरे बच्चे खिलाना।
जिसके अगले दिन पंत ने उन्हें माकूल जवाब दिया। पंत ने सिली प्वॉइंट पर खड़े मयंक अग्रवाल से पेन की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हमारे बीच आज नया मेहमान है। मयंक तुमने कभी अस्थायी कप्तान के बारे में सुना है? उस समय गेंदबाजी कर रहे रवीन्द्र जडेजा से उसने कहा कि इसको (पेन को) आउट करने के लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं है। उसे बात करना पसंद है और वही कर सकता है। बस बक-बक! (भाषा)