भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि वह कुछ साल और खेलना चाहते हैं और 2027 वनडे विश्व कप जीतने की दिली ख्वाहिश है।रोहित की कप्तानी में भारतीय टीम जीत के अश्वमेधी अभियान पर सवार होकर 2023 विश्व कप फाइनल तक पहुंची लेकिन फाइनल में आस्ट्रेलिया से हार गई।
36 वर्ष के रोहित 2007 टी20 विश्व कप टीम जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे लेकिन वह वनडे विश्व कप को इससे ऊपर रखते हैं। अहमदाबाद में आस्ट्रेलिया के हाथों विश्व कप 2023 फाइनल में मिली हार से वह काफी व्यथित थे।
उन्होंने यूट्यूब पर ब्रेकफास्ट विद चैम्पियंस शो में कहा , मैने संन्यास के बार में अभी सोचा नहीं है। लेकिन पता नहीं जिंदगी कहां ले जाये। मैं इस समय अच्छा खेल रहा हूं और कुछ साल और खेलना चाहता हूं। मैं विश्व कप जीतना चाहता हूं।
Captain Rohit Sharma Talking About World Cup 2023. (Breakfast With Champions)
उन्होंने कहा , 50 ओवरों का विश्व कप ही असली विश्व कप है। हम इसे देखकर ही बड़े हुए हैं। लॉडर्स पर 2025 में विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल होना है। उम्मीद है कि हम उसमें खेलेंगे।
विश्व कप फाइनल में मिली हार को छह महीने बीत चुके हैं लेकिन रोहित को अभी तक वह हार कचोटती है। उन्होंने कहा , विश्व कप भारत में हो रहा था। हमने फाइनल तक अच्छा खेला। सेमीफाइनल जीतने के बाद लगा कि एक कदम की दूरी पर ही है। मैने सोचा कि ऐसी कौन सी एक बात है जिसकी वजह से हम फाइनल हार सकते हैं और मेरे दिमाग में कुछ नहीं आया।
उन्होंने कहा , हमारे अभियान में एक खराब दिन आना था और वही दिन था। हमने अच्छा क्रिकेट खेला, आत्मविश्वास भी था। लेकिन एक खराब दिन हमारा था और आस्ट्रेलिया का अच्छा दिन था। हमने फाइनल में खराब क्रिकेट नहीं खेली।
Rohit Sharma said, "I loved batting with Adam Gilchrist and Andrew Symonds during DC days. I got to learn a lot as a young rookie cricketer, at that point I was 20 years old and to learn from these greats was superb". (BWC/Gaurav Kapur). pic.twitter.com/oOIzYXMIYS
आईपीएल में 2008 से लेकर अब तक सारे सत्र खेलने वाले रोहित ने कहा कि लीग में कोई भी टीम अब कमजोर नहीं है।
उन्होंने कहा , आईपीएल पिछले एक दशक में इतना बड़ा हो गया है कि हर टीम काफी प्रतिस्पर्धी है। अब कोई कमजोर टीम नहीं है। यह ईपीएल प्रथम श्रेणी जैसा है जिसमें कोई भी टीम किसी को भी हरा सकती है। लेकिन शुरूआत में ऐसा नहीं था। अब इतनी तकनीक शामिल है कि लोगों को पता है कि कौन सी कमी पूरी करनी है। (भाषा)