रोहित ने अपना अंतरराष्ट्रीय करियर मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरू किया लेकिन वे बाद में सीमित ओवरों के सर्वश्रेष्ठ सलामी बल्लेबाज बन गए। उन्होंने कहा कि बड़े शॉट खेलने में कोई बुराई नहीं है। जब हम छोटे थे, तब खूब लप्पे लगाते थे और हमें नेट्स से बाहर कर दिया जाता था, क्योंकि आखिर में तो आप नतीजे चाहते हैं।
रोहित ने कहा कि यदि कोई खिलाड़ी हवाई शॉट खेलकर भी आपको नतीजे दे रहा है तो उसमें कोई बुराई नहीं है। युवाओं को ऐसे शॉट खेलने की चाहत रहती है। बल्लेबाजी करते समय हर कोई आकर्षक शॉट लगाना चाहता है, लेकिन यह भी जरूरी है कि वह अपना स्वाभाविक खेल दिखाए।
शर्मा ने कहा कि हमें इसका ध्यान रखना होगा कि ये गलतियां बारंबार नहीं हो। उसे ध्यान रखना होगा कि अगली बार कैसे खेलना है। शॉट खेलना कोई गुनाह नहीं है। यदि कोई खिलाड़ी अपने हुनर को लेकर आत्मविश्वास से ओतप्रोत है तो मैं उसकी हौसलाअफजाई करूंगा। इन युवाओं पर बल्लेबाजी को लेकर कोई पाबंदियां नहीं होनी चाहिए। उन्हें खुलकर खेलने देना चाहिए। इसी तरह से वे नतीजे देंगे।