यह पूछने पर कि क्या वह अपने बेटे को दबाव का सामना करने के लिए कोई सीख देते हैं, सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘मैने कभी उस पर किसी चीज के लिए दबाव नहीं डाला। मैने उस पर क्रिकेट खेलने का दबाव नहीं बनाया। वह पहले फुटबॉल खेलता था, फिर शतरंज और अब क्रिकेट खेलने लगा।’
उन्होंने कहा, ‘मैने उससे यही कहा कि जीवन में जो भी करो, शॉर्टकट मत लेना। मेरे पिता (रमेश तेंदुलकर) ने भी मुझे यही कहा था और मैने अर्जुन से यही कहा। तुम्हे मेहनत करनी पड़ेगी और फिर तुम पर निर्भर करता है कि कहां तक जाते हो।’