नई दिल्ली। 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर भी आम इंसानों की तरह परेशान रह सकते हैं...असल में वे उस शख्स की तलाश कर रहे थे, जिसने 19 साल पहले उन्हें एक छोटी सी सलाह दी थी, जिस पर उन्होंने अमल किया। इस मामूली से होटल स्टाफ में वेटर की सलाह पर ही सचिन ने एल्बो गार्ड को फिर से रीडिजाइन करवाया था और इसके बाद ही उनके बल्ले से रनों का झरना फूटा था।
चेन्नई में भारत और वेस्टइंडीज के बीच रविवार को 3 वनडे मैचों की सीरीज का पहला मैच खेला गया। चेन्नई का नाम सचिन तेंदुलकर भला कैसे भूल सकते थे। अचानक उन्हें 19 साल पहले का घटनाक्रम याद आ गया। उन्होंने ट्विटर पर उस शख्स को ढूंढने की अपील की थी। सचिन की यह अपील रंग लाई और उस वेटर को ढूंढ निकाला गया।
19 साल पहले भारत-ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के लिए सचिन ताज कोरोमंडल में रुके थे। इस होटल में गुरु प्रसाद होटल स्टाफ में वेटर हुआ करता था। इस वेटर को आज तक एक खास कारण से सचिन नहीं भूले। सचिन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो में उस दिन के किस्से को शेयर किया। सचिन ने बताया कि मैंने होटल में कॉफी ऑर्डर की थी, जिसे गुरु प्रसाद लेकर आया।
A chance encounter can be memorable!
I had met a staffer at Taj Coromandel, Chennai during a Test series with whom I had a discussion about my elbow guard, after which I redesigned it.
I wonder where he is now & wish to catch up with him.
सचिन के अनुसार बातों ही बातों में पता चला कि गुरु प्रसाद बहुत बारीकी से मेरी बल्लेबाजी को फॉलो करता है। खुद मैंने उससे कहा कि तुम दुनिया के इकलौते ऐसे इंसान हो, जो इतनी बारीक बात को नोटिस करते हो। यह वेटर हर गेंद को 4-5 बार रिवाइंड करके देखता था और उसे लगता था कि जब भी मैं एल्बो गार्ड लगाता हूं मेरे बल्ले का स्विंग बदल जाता है।
खुद सचिन को भी गुरु प्रसाद की बात सुनकर काफी हैरानी हुई थी, क्योंकि उससे पहले तक उन्होंने इस बारे में किसी से बात नहीं की थी और न ही कोई इस बारे में जान पाया। गुरु प्रसाद की सलाह के बाद सचिन ने अपने एल्बो गार्ड को रीडिजाइन करवाया। सचिन ने कहा कि गार्ड का सही साइज, सही पैडिंग और सही स्ट्रैप के साथ उसे डिजाइन कराया, जिससे उन्हें मदद मिली।
सचिन तेंदुलकर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि मैं सोचता हूं, आज वह कहां होगा और उससे मिलना चाहता हूं। सचिन की यह अपील रंग लाई और गुरु प्रसाद को खोज निकाला गया। गुरु प्रसाद के अनुसार मुझे आज भी याद है कि मैंने सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ का ऑटोग्राफ लिया था। मेरे पास कोई ऑटोग्राफ बुक नहीं थी लेकिन मैंने वहां सुरक्षाकर्मी की कॉपी से पेज फाड़कर उनके हस्ताक्षर लिए थे।
गुरु प्रसाद को भी 19 साल पहले की वह घटना याद है। उन्होंने कहा- 'मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं उन्हें क्रिकेट से संबंधित सुझाव दे सकता हूं। पूरी बातचीत केवल 1 मिनट की थी। वास्तव में मुझे भी यकीन नहीं था कि वे मेरी कोई बात को सुनेंगे, लेकिन वह आसानी से मान गए। उन्होंने कहा कि सचिन खुद को 19 साल बाद इस घटना को याद करने और सोशल मीडिया से उसे प्रशंसक खोजने में मदद करने के लिए कहेंगे।
गुरु प्रसाद ने कहा कि मैं वास्तव में उनसे मिलने के लिए उत्सुक हूं। मेरे पास उन्हें और उनके परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और लंबे जीवन के लिए प्रार्थना करने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा, मैं केवल यह अनुरोध करता हूं कि वह मुझे अपने कुछ दोस्तों को भी लाने की अनुमति दें, जिन्होंने मेरे साथ इस क्रिकेट जुनून को साझा किया है। Photo courtesy: The News Minute