पुणे। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम भारत के खिलाफ यहां गुरुवार को पहले टेस्ट के पहले दिन की समाप्ति पर नौ विकेट पर 256 रन बनाकर संघर्ष कर रही हो लेकिन टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने मेहमान बल्लेबाजों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने गजब का जज्बा दिखाया है।
पहले दिन की समाप्ति के बाद बांगड़ ने कहा, सबसे अहम है कि पांच दिनों के प्रारूप में खेलते समय आपका नजरिया कैसा है। जब आप ऑस्ट्रेलियाई या इंग्लैंड के विकेटों पर खेलते हैं तो आपको तेज गेंदबाजों से विशेष रूप से सावधान रहना पड़ता है लेकिन भारतीय उपमाद्वीपीय विकेटों पर आपको स्पिनरों के खिलाफ सावधानी बरती होती है।
कोच ने कहा, पहले दिने के खेल को देखें तो ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों ने काफी रन जोड़ें हैं और 256 रन का चुनौतीपूर्ण स्कोर बना डाला है। उन्होंने भले ही अपने नौ विकेट खो दिए हों लेकिन खेल के प्रति उनका नजरिया सकारात्मक रहा था। हालांकि उमेश यादव की अगुवाई में भारतीय गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया है और अगले चार दिनों के लिए भारतीय उम्मीदों को निश्चित रूप से बल दिया है।"
बांगड़ ने हालांकि स्वीकार किया कि आमतौर पर यहां का विकेट बल्लेबाजों के लिए ज्यादा अनुकूल रहता है लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यह दोनों टीमों के लिए समान रूप से लागू है। ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रदर्शन सिर्फ इसलिए तारीफ के काबिल है कि उन्होंने आसानी से हथियार नहीं डाले हैं बल्कि जुझारू बल्लेबाजी कर दर्शाया है कि मुकाबला एकतरफा नहीं होने वाला है।
उन्होंने कहा, मेहमान बल्लेबाजों को अपने डिफेंस पर भरोसा था। उन्होंने पैरों का अच्छा इस्तेमाल किया और उन्होंने भारतीय स्पिनरों का डटकर मुकाबला किया। मुझे लगता है कि हमारे गेंदबाजों ने आज के खेल में कम से कम 25 रन ज्यादा दिए नहीं तो स्थिति और भी बेहतर रहती।
बांगड़ ने निचले क्रम में शानदार बल्लेबाजी कर अर्धशतक बनाने वाले मिशेल स्टार्क भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यदि टीम उन्हें जल्दी आउट कर देती तो मेहमान टीम को आज ही निपटाया जा सकता था।
बांगड़ ने चार विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज उमेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा, उमेश ने वाकई पुरानी गेंद से शानदार प्रदर्शन किया। उन्हें पुरानी गेंद से रिवर्स स्विंग के महारथी हैं। हमने उन्हें रणनीति के तहत बाद में गेंद सौंपी। इशांत शर्मा ने अपनी तेजी और उछाल से पिछले कुछ वर्षों में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के बल्लेबाजों को परेशान किया था और हम इसका फायदा उठाना चाहते थे । इसलिए बाएं हाथ के बल्लेबाजों के सामने हमने उन्हें गेंद सौंपी। (वार्ता)