उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि सरफराज अगर टेस्ट में टीम का नेतृत्व नहीं करते हैं तो उनके लिए अच्छा होगा। मेरा मानना है कि तीनों प्रारूपों में कप्तानी करना उनके लिए बड़े बोझ की तरह है। उनके पास सीमित ओवर के प्रारूपों में एक सफल कप्तान बनने की काबिलियत है।’
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सरफराज ने मिस्बाह-उल-हक के संन्यास के बाद 2017 के बाद से तीनों प्रारूपों में पाकिस्तान का नेतृत्व किया है लेकिन टेस्ट में उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा जहां टीम आईसीसी रैंकिंग में 7वें स्थान पर खिसक गई है।