अफरीदी ने अपनी किताब में लिखा, सचिन ने वकार यूनुस को अपना बल्ला खेल के सामान के लिए विश्व प्रसिद्ध सियालकोट भेजने और उसे दिखाकर वैसा ही बल्ला मंगाने के लिए दिया था लेकिन वकार ने सियालकोट भेजने से पहले वह बल्ला मुझे दे दिया और मैंने उस दिन इसी बल्ले से बल्लेबाजी की और शतक ठोंका।