उन्होंने कहा, एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों के अंतिम 10 ओवरों में क्षेत्ररक्षण के नियमों में बदलाव से गेंदबाजों पर थोड़ा दबाव कम हुआ है, लेकिन सिर्फ थोड़ा ही। बांड ने कहा, लेकिन अधिकांश समय सफेद गेंद के क्रिकेट में गेंदबाज दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह ही होते हैं। बांड ने कहा कि इसी असंतुलन के कारण स्पिनर नकारात्मक रणनीति अपनाते हैं।
उन्होंने कहा, धीमे गेंदबाज विशेष तौर पर अधिक नकारात्मक गेंदबाजी अपना रहे हैं, इसलिए नहीं कि वे ऐसा करना चाहते हैं बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें ऐसा करना होगा। इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा कि मौजूदा हालात में जहां हर दूसरे मैच में ढेरों रन बन रहे हैं वहां गेंदबाज बिना विविधता के नहीं चल सकते।
उन्होंने कहा, यॉर्कर को फेंकना ना सिर्फ सबसे मुश्किल गेंद फेंकने में से एक है, बल्कि गलती की गुंजाइश भी बेहद कम है। इसलिए इसका समझदारी से इस्तेमाल जरूरी है। आपमें लेंथ में बदलाव की क्षमता होनी चाहिए- यॉर्कर फेंको, हां, लेकिन साथ ही बाउंसर, लेंथ गेंद और धीमी गेंद का भी इस्तेमाल करो। (भाषा)