मनोहर को मई 2016 में निर्विरोध आईसीसी का पहला स्वतंत्र चेयरमैन चुना गया था, जो किसी भी बोर्ड से जुड़ा नहीं था। उन्हें इस पद पर दो वर्षों के कार्यकाल के लिए चुना गया था। मनोहर पर क्रिकेट की 'सुपरपॉवर' कहे जाने वाले बीसीसीआई, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्डों के अधिकारों और ताकत को कम करने का आरोप लगा था, जिससे खासतौर पर सबसे धनी भारतीय बोर्ड को नुकसान उठाना पड़ सकता है।