शास्त्री ने दूसरे टेस्ट में आठ विकेट से मिली जीत के बाद कहा , वह काफी चालाक कप्तान है और खेल को बखूबी पढता है । उसके शांत स्वभाव से नये खिलाड़ियों और गेंदबाजों को मदद मिली । उमेश के नहीं होने के बावजूद वह विचलित नहीं हुआ ।
शास्त्री से रहाणे और कोहली की कप्तानी की शैली में फर्क के बारे में पूछा गया था ।उन्होंने कहा , दोनों खेल को बखूबी समझते हैं । विराट काफी जुनूनी है जबकि अजिंक्य शांत है । विराट आक्रामक है जबकि अजिंक्य चुपचाप तैयारी करता है लेकिन उसे पता है कि वह क्या चाहता है ।
शास्त्री ने कहा , रहाणे जब बल्लेबाजी के लिये उतरा तो हमारे दो विकेट 60 रन पर गिर गए थे । इसके बाद उसने छह घंटे बल्लेबाजी की । यह आसान नहीं था । उसने अविश्वसनीय धैर्य दिखाया । उसकी पारी मैच का टर्निंग प्वाइंट थी ।