कोई सोच भी नहीं सकता इतना था पीठ में दर्द, श्रेयस अय्यर के इस वीडियो में दिखी बेबसी
मंगलवार, 29 अगस्त 2023 (12:20 IST)
पीठ की सर्जरी के बाद एशिया कप में भारतीय टीम में वापसी कर रहे श्रेयस अय्यर ने कहा कि उनकी पीठ का दर्द इतना कष्टकारी था कि उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
बीसीसीआई टीवी पर एक वीडियो में श्रेयस ने कहा, “ यह चोट कुछ समय से मुझे परेशान कर रही थी। लेकिन मैं इंजेक्शन लेकर इसे संभाल रहा था और कोशिश कर रहा था कि मैं ज़्यादा से ज़्यादा मैच खेलता रहूं। हालांकि एक ऐसा समय आया जब मुझे समझ आया कि अब मुझे सर्जरी करवानी ही होगी। फ़िज़ियो और विशेषज्ञों ने भी यही कहा कि वही सबसे बेहतर विकल्प होगा। असल में मेरे नसों के बीच एक दबाव सा था। स्लिप्ड डिस्क का ऐसा कष्टदायी दर्द था जो मेरे नसों को दबा रहा था और मेरे पैर के अंगूठे तक पहुंच रहा था। यह भयावह था और मैं बयां नहीं कर पा रहा था कि मुझे कितना दर्द था।”
आख़िरकार श्रेयस की सर्जरी अप्रैल में लंदन में की गई थी और इसके बाद उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में तीन हफ़्ते बिताने पड़े। इसके बाद उन्हें तीन महीने के रिहैब के लिए एनसीए भेजा गया था। इस प्रक्रिया का समापन पिछले हफ़्ते हुआ, जब कुछ अभ्यास मैचों में उन्हें परखने के बाद एनसीए के मेडिकल स्टाफ़ के प्रमुख नितिन पटेल ने उनके चयन को लेकर हरी झंडी दिखाई।
A journey of excruciating pain, patience and recovery @ShreyasIyer15 highlights the contributions of trainer Rajini and Nitin Patel at the NCA in his inspirational comeback from injury - By @RajalArora#TeamIndia | @VVSLaxman281
श्रेयस ने कहा “ यह एक उतार-चढ़ाव से भरा समाय था। तीन महीने पहले तक मैं काफ़ी दर्द में था, जो उसके बाद कम होने लगा। लेकिन इस दौरान सभी फ़िज़ियो यही कोशिश कर रहे थे कि शरीर के सभी हिस्सों में ताक़त बनी रहे। एक पेशेवर खिलाड़ी के लिए रिहैब के दौरान दर्द का रहना सबसे चुनौतीपूर्ण बात होती है। इस दौरान मेडिकल टीम के अलावा अच्छे दोस्तों और परिवारवालों का समर्थन ज़रूरी है। मैं व्याकुल भी हो रहा था तो वह मुझे संभालते थे। ऐसे समय में धैर्य बहुत अहम बात होती है और मैं अब जहां हूं वहां काफ़ी ख़ुश हूं। शायद मैंने सोचा नहीं था कि मैं इतनी जल्दी लौटूंगा।”
उन्होंने चोट से उबरने के बाद यो-यो टेस्ट में अपने प्रदर्शन के बारे में कहा, "यह टेस्ट का पड़ाव सबसे सबसे कठिन होता है। फ़िज़ियो और प्रशिक्षक मेरे वापसी को लेकर आत्मविश्वासी थे लेकिन मेरे मन में काफ़ी संशय था। मुझे दर्द का एहसास था और मैं टेस्ट के बारे में ज़्यादा नहीं सोच रहा था। हालांकि समय के साथ मैंने पाया कि दर्द में कमी होने लगी और मेरे टांगों में जान आने लगी।
श्रेयस बेंगलुरु में भारतीय टीम के साथ एशिया कप के लिए एक छह-दिवसीय कैंप का हिस्सा हैं। मार्च में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के चौथे टेस्ट के दौरान श्रेयस के पीठ की परेशानी बढ़ गई थी। शुरुआत में वह बिना सर्जरी के आईपीएल के दूसरे हिस्से में भाग लेने की संभावना ढूंढ रहे थे। हालांकि स्लिप्ड डिस्क के चलते कष्टदायी दर्द के चलते उन्होंने आगे आनेवाले समय में करियर की लंबाई को ध्यान में रखते हुए वापसी का लंबा रास्ता अपनाया।(एजेंसी)