भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने लॉर्ड्स टेस्ट के तीसरे दिन के अंत में इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाजों द्वारा अपनाई गई देरी करने की रणनीति की आलोचना करते हुए मंगलवार को कहा कि क्रीज पर 90 सेकेंड देरी से आना खेल भावना के अनुरूप नहीं था।मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट से पहले मीडिया से बातचीत का अंत गिल ने विस्फोटक अंदाज में किया जब उनसे तीसरे मैच के दौरान मैदान पर तनाव के बारे में पूछा गया।
लॉर्ड्स में दोनों पक्षों द्वारा दिखाई गई आक्रामकता के बाद से इंग्लैंड की मीडिया भारतीय और घरेलू टीम के खिलाड़ियों से लगातार यह सवाल पूछ रही है।गिल ने आक्रामक अंदाज में कहा, हां, बहुत से लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं इसलिए मैं एक बार और सभी के लिए स्पष्ट कर दूं कि उस दिन इंग्लैंड के बल्लेबाजों के पास सात मिनट का खेल बचा था, वे क्रीज पर 90 सेकेंड देरी से आए, 10 नहीं, 20 नहीं, बल्कि 90 सेकेंड देरी से।
उन्होंने कहा, हां, अधिकतर टीमें यही (देरी करने की रणनीति) करती हैं। अगर हम इस स्थिति में होते तो हम भी कम ओवर खेलना पसंद करते लेकिन ऐसा करने का एक तरीका होता है और हमें लगाता है कि अगर आपके शरीर पर गेंद लगती है तो फिजियो को मैदान पर आने की इजाजत है और यह उचित भी है।
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गिल ने कहा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि क्रीज पर 90 सेकेंड देरी से आना खेल भावना के अनुसार है।बुमराह ने तीसरे दिन आखिरी ओवर फेंका था और दिन का खेल खत्म होने से ठीक पहले खेल में देरी करने के लिए क्रॉली की तरफ व्यंग्यात्मक लहजे में ताली बजाई थी। भारतीय खिलाड़ियों और डकेट के बीच भी बहस हुई थी।
टेस्ट कप्तान के रूप में अपनी पहली श्रृंखला में गिल ने भी क्रॉली को हिम्मत दिखाने को कहा था।गिल ने कहा, उस घटना से ठीक पहले, बहुत सी ऐसी चीजें हुईं जिनके बारे में हमें लगता था कि उन्हें नहीं होना चाहिए था, लेकिन वे हुईं, मैं यह नहीं कहूंगा कि मुझे इस पर बहुत गर्व है।उन्होंने कहा, लेकिन इसकी भूमिका थी, यह अचानक नहीं हुआ और हमारा ऐसा करने का कोई इरादा नहीं था।
भारतीय कप्तान ने कहा, लेकिन बात बस इतनी है कि आप एक मैच खेल रहे हैं, आप जीतने के लिए खेल रहे हैं और इसमें बहुत सारी भावनाएं शामिल होती हैं और जब आप देखते हैं कि कुछ ऐसी चीजें हो रही हैं जो नहीं होनी चाहिए तो कभी-कभी भावनाएं अचानक से आ जाती हैं। (भाषा)