गांगुली की पेशकश नहीं ठुकरा सकता था : ओझा

गुरुवार, 2 जुलाई 2015 (18:39 IST)
कोलकाता। बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा को आगामी सत्र के लिए बंगाल की तरफ से खेलने के लिए सौरव गांगुली ने पेशकश की थी, जो इतना आकर्षक था कि उन्हें हैदराबाद से भावनात्मक विदाई लेनी पड़ी।

ओझा ने हैदराबाद से कहा कि सौरव ने मेरे से बात की और कहा कि वे मुझे बंगाल की टीम में देखना चाहते हैं। मेरे लिए यह आकर्षक था और मैं इसे नहीं ठुकरा सकता था। मेरा मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए एलीट टीम की तरफ से खेलना था। मुझे स्वीकृति पत्र (करार) मिल गया है और मेरा अनापत्ति प्रमाणपत्र भी तैयार है।

ओझा भले ही ओडिशा के रहने वाले हैं लेकिन 2001 में 14 साल की उम्र से हैदराबाद की तरफ से खेल रहे हैं। वे भारत की तरफ से 24 टेस्ट और 18 वनडे खेल चुके हैं।

वेस्टइंडीज के खिलाफ 2013 में सचिन तेंदुलकर के विदाई टेस्ट मैच में 10 विकेट लेकर मैन ऑफ द मैच बनने के बावजूद ओझा को टीम से बाहर कर दिया गया था और इसके बाद वे संदिग्ध गेंदबाजी एक्शन के घेरे में भी आ गए। इस साल रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम के बाद बीसीसीआई ने उन्हें हरी झंडी दे दी।

बंगाल ने ओझा से मुंबई इंडियंस की यहां ईडन गार्डंस में आईपीएल फाइनल में चेन्नई सुपरकिंग्स की जीत के दौरान बात की थी। मुंबई इंडियंस के स्पिनर ने कहा कि उस समय सौरव ने मेरे सामने बंगाल की तरफ से खेलने की पेशकश रखी थी और मैं उसे नहीं ठुकरा पाया। (भाषा)

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