पोर्ट एलिजाबेथ। पिछले कुछ समय से उतार चढ़ाव के दौर से गुजर रही श्रीलंका की टीम दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कल से यहां शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में ‘अंडरडॉग’ के रूप में अपनी चुनौती पेश करेगा। श्रीलंका को हालांकि उम्मीद है कि पोर्ट एलिजाबेथ की पारंपरिक तौर पर धीमी पिच उसे दक्षिण अफ्रीका के तेज आक्रमण से निबटने में मदद करेगी।
चोटिल डेल स्टेन और मोर्ने मोर्कल की अनुपस्थिति के बावजूद दक्षिण अफ्रीका की टीम में वर्नोन फिलैंडर, कैगिसो रबादा और काइल एबोट जैसे तेज गेंदबाज हैं जो श्रीलंका के बल्लेबाजों की कड़ी परीक्षा लेंगे जिन्हें विदेशी पिचों पर खेलने का बहुत कम अनुभव है। दक्षिण अफ्रीका के अन्य टेस्ट स्थलों की तुलना में सेंट जार्ज की पिच में कम तेजी और उछाल होती है। दक्षिण अफ्रीका का रिकॉर्ड भी यहां बहुत अच्छा नहीं है। उसने 1992 में टेस्ट क्रिकेट में वापसी के लिए यहां 14 टेस्ट मैच खेले उनमें से छह में जीत दर्ज, चार हारे और चार ड्रॉ कराए।
डिविलियर्स अब भी फिट नहीं हैं और वह श्रीलंका के खिलाफ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला में नहीं खेल पाएंगे। जनवरी के आखिर में वनडे श्रृंखला में वापसी करना उनका लक्ष्य है। डुप्लेसिस के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलिया में दक्षिण अफ्रीकी टीम मजबूत नजर आई और कोच रसेल डोमिंगो चाहते हैं कि टीम अपनी उस सफलता को आगे भी बरकरार रखे।
डोमिंगो ने कहा कि भले देश के अन्य मैच स्थलों की तुलना में परिस्थितियां भिन्न होने के बावजूद उनके खिलाड़ी यहां आना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा, हमें लगता है कि यहां का विकेट काफी हद तक हमारे अनुकूल है। यहां रिवर्स स्विंग भी मिलती है और यदि पूर्वी हवाएं चल रही हों और बादल छाए हों तो हम ऐसी परिस्थितियों का पूरा फायदा उठा सकते हैं। (भाषा)