यह मैच टेस्ट इतिहास में रिकॉर्डों के लिहाज से अभूतपूर्व रहा। इस मैच में चारों पारियों में 300 से लेकर 400 तक का स्कोर बना। टेस्ट इतिहास में इस तरह की उपलब्धि का यह सिर्फ तीसरा मौका है। श्रीलंका ने अपनी जमीन पर सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया। टेस्ट इतिहास में सबसे बड़े लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करने का यह पांचवां मौका है।
असेला गुणारत्ने को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। उन्होंने 151 गेंदों में छह चौकों की मदद से नाबाद 80 रन बनाए। गुणारत्ने ने सातवें विकेट की अविजित साझेदारी में दिलरूवान परेरा (नाबाद 29) के साथ 67 रन जोड़े। गुणारत्ने ने पहली पारी में 45 रन भी बनाए थे। उन्होंने इसके अलावा पहली पारी में दो विकेट भी हासिल किए ।
श्रीलंका ने एक समय अपने पांच विकेट 203 रन पर गंवा दिए थे। तब लगने लगा कि जिम्बाब्वे वनडे सीरीज की तरह एकमात्र टेस्ट में भी उलटफेर कर जाएगा। लेकिन डिकवेला और गुणारत्ने के अर्धशतकों ने जिम्बाब्वे की उम्मीदों को पूरा नहीं होने दिया। डिकवेला ने 118 गेंदों पर 81 रन में छह चौके लगाए। परेरा ने 76 गेंदों पर नाबाद 29 रन में चार चौके लगाए।