स्थानीय टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अलुथगामेगे ने कहा कि फाइनल फिक्स था। भारत ने 275 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए गौतम गंभीर के 97 और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के 91 रन की मदद से खिताब जीता था। उस समय खेलमंत्री रहे अलुथगामेगे ने कहा, ‘आज मैं आपको बताता हूं कि हमने विश्व कप 2011 बेच दिया था। जब मैं खेलमंत्री था, तब भी मैने यह कहा था।’
पांच अगस्त को होने वाले चुनाव तक कामकाज देख रही मौजूदा कार्यवाहक सरकार में विद्युत राज्य मंत्री अलुथगामगे ने कहा, ‘एक देश के रूप में मैं यह घोषणा नहीं करना चाहता था। मुझे याद नहीं कि वह 2011 था या 2012। लेकिन हमें वह मैच जीतना चाहिए था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं जिम्मेदारी के साथ आपको कह रहा हूं कि मैंने महसूस किया कि वह मैच फिक्स था। मैं इस पर बहस कर सकता हूं, मुझे पता है कि लोग इसे लेकर चिंतित हैं।’
उस समय श्रीलंका के कप्तान संगकारा ने भ्रष्टाचार रोधी जांच के लिए सबूत मुहैया कराने को कहा है। संगकारा ने ट्वीट किया, ‘उन्हें अपने ‘साक्ष्य’ आईसीसी और भ्रष्टाचार रोधी एवं सुरक्षा इकाई के पास लेकर जाने की जरूरत है जिससे कि दावे की विस्तृत जांच हो सके।’ उस मैच में शतक जड़ने वाले पूर्व कप्तान जयवर्धने ने हालांकि इन आरोपों को बकवास करार दिया है।
उन्होंने ट्वीट में पूछा, ‘क्या चुनाव होने वाले हैं? जो सर्कस शुरू हुआ है वह पसंद आया नाम और सबूत?’ अलुथगामगे ने कहा कि उनका नजरिया है कि नतीजे को फिक्स करने में खिलाड़ी नहीं बल्कि कुछ पक्ष शामिल थे। अलुथगामगे और तत्कालीन राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हुए फाइनल में आमंत्रित किए गए थे। श्रीलंका की विश्व कप विजेता टीम के कप्तान रहे अर्जुन रणतुंगा ने भी 2011 विश्व कप फाइनल के फिक्स होने के आरोपों की जांच की मांग की थी। (भाषा)