स्टीव स्मिथ ने भारत में यह सीखा

मंगलवार, 28 मार्च 2017 (19:21 IST)
धर्मशाला। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ ने भारतीय टीम के सतर्कता के साथ आक्रामकता दिखाने के रवैए की तारीफ की जिससे उन्हें एक टेस्ट मैच की भिन्न परिस्थितियों को समझने में मदद मिली। स्मिथ ने चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में भारत की 2-1 से जीत के बाद कहा कि कुछ अवसरों पर आक्रामक शैली का खेल दिखाया जबकि कई बार वे बेहद रक्षात्मक होकर खेले और मैंने भी उनसे यह सीखा। भारत में कुछ अवसरों पर आपको परिस्थितियों के हिसाब से खेलना होता है।  
 
उन्होंने चौथे टेस्ट मैच के समाप्त होने के बाद कहा कि अगर आप दबाव बनाते हो और विकेट हासिल करते हो तो चीजें बहुत जल्दी घट सकती है। मैंने खेल की इन अलग अलग परिस्थितियों में खेलने और उनसे निबटने की सीख ली। उन्होंने इंतजार किया और जब परिस्थितियां उनके अनुकूल हुई तो वे हावी हो गए। मुझे लगता है कि उन्होंने इसी तरह से यह श्रृंखला नहीं खेली। 
 
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में मुरली विजय ने जब टपकाए गए कैच को सही ठहराया तब स्मिथ ने उनको लेकर कड़ी टिप्पणी की और लगता है कि वे दौरे के दौरान अपने व्यवहार के लिए माफी मांगना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ अवसरों पर मैं अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाया और मैं इसके लिए माफी मांगता हूं।
 
ऑस्ट्रेलियाई कप्तान हालांकि श्रृंखला में अपने प्रदर्शन से खुश दिखे। उन्होंने तीन शतकों की मदद से 499 रन बनाए। स्मिथ ने कहा कि इस श्रृंखला में मुझे अपने प्रदर्शन पर गर्व है। मैंने खुद के लिए उच्च मानदंड स्थापित किए थे और मैं अपने प्रदर्शन से आगे बढ़कर नेतृत्व करना चाहता था।  
 
हम थोड़ा अधिक निरंतर होना पड़ेगा। हमारे पास निश्चित तौर पर जीत के मौके थे और हमें भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ इन अवसरों का पूरा फायदा उठाना चाहिए था।  स्मिथ ने स्वीकार किया कि चौथे टेस्ट मैच में पहली पारी में एक विकेट पर 130 रन के स्कोर के बाद 300 रन पर आउट होना निराशाजनक रहा। 
 
 
उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक रहा है कि हमने निरंतर विकेट गंवाए। एक विकेट पर 130 रन के बाद 300 रन पर आउट होना निराशाजनक है। हम उस समय मैच को अपनी तरफ मोड़ सकते थे और हमें 400 से 450 तक का स्कोर बनाना चाहिए था। इसके बाद स्थिति पूरी तरह से भिन्न होती। इसलिए यह निराशाजनक है कि हम अच्छी शुरूआत का फायदा नहीं उठा पाए। (वार्ता)

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