इससे पहले श्रीलंका और बांग्लादेश में कोच रह चुके लॉ ने कहा, मैं दुनिया के कुछ सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों के साथ काम करना पसंद करूंगा। मैंने उपमहाद्वीप में कुछ समय बिताया है। आपका पहला अनुभव हमेशा यादगार होगा। यदि कोई मेरे पास प्रस्ताव लेकर आता है तो मुझे उसे सुनने में बहुत खुशी होगी।
उन्होंने कहा, निश्चित रूप से भाषा एक बड़ी बाधा है। श्रीलंका में कई खिलाड़ी बहुत अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं। एक बार भरोसा बनने और एक-दूसरे को समझने के बाद सभी काम होने लगते हैं। विदेशी कोच के लिए उपमहाद्वीप में काम करना काफी मुश्किल होता है। सबसे बड़ी समस्या कप्तान, खिलाड़ी और कोच के बीच संवाद का तरीका होगा। (भाषा)