इस बार फर्क इतना ही होगा कि चौथे टेस्ट में गुलाबी नहीं लाल बॉल होगी जिससे स्पिनरों की गेंद में उतनी तेजी नहीं होगी जितनी गुलाबी बॉल से थी। तीसरे टेस्ट में गुलाबी बॉल से 12 खिलाड़ी पगबाधा हुए थे जबकि आठ खिलाड़ी बोल्ड हुए थे। चेन्नई टेस्ट में लाल बाल से सात खिलाड़ी पगबाधा हुए थे जबकि पांच खिलाड़ी बोल्ड हुए थे। इसलिए माना जा रहा है कि चौथे टेस्ट में टर्न तो होगा लेकिन गेंद में उतनी तेजी नहीं होगी।(वेबदुनिया डेस्क)