टेस्ट क्रिकेट से रोहित शर्मा और विराट कोहली का संन्यास: भारतीय टीम पर कितना असर पड़ेगा?

WD Sports Desk

सोमवार, 12 मई 2025 (13:46 IST)
भारतीय क्रिकेट के दो सितारे, रोहित शर्मा और विराट कोहली, ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। 7 मई 2025 को रोहित और 12 मई 2025 को कोहली ने अपने संन्यास की घोषणा कर लाखों प्रशंसकों के दिलों को झकझोर दिया। ये वो नाम हैं, जिन्होंने मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से न सिर्फ रन बनाए, बल्कि करोड़ों दिलों में जगह बनाई। इनके बिना टेस्ट क्रिकेट का मैदान सूना-सा लगेगा। 7 मई 2025 को रोहित ने और 12 मई 2025 को कोहली ने सोशल मीडिया पर अपने फैसले की जानकारी दी। इन दोनों के संन्यास ने न केवल भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को भावुक कर दिया, बल्कि यह सवाल भी खड़ा कर दिया कि क्या भारतीय टेस्ट टीम इस खालीपन को भर पाएगी?

रोहित की सलामी बल्लेबाजी ने टेस्ट क्रिकेट को नया आयाम दिया। 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ उनकी दोनों पारियों में शतक और 2021 में चेन्नई में इंग्लैंड के खिलाफ 161 रनों की पारी ने हर भारतीय के दिल में जगह बनाई। कोहली की बात करें तो उनकी 2014 में एडिलेड की 141 रनों की जुझारू पारी और 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ 593 रनों की सीरीज ने दुनिया को दिखाया कि वह कितने बड़े योद्धा हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीती, जो हर क्रिकेट प्रेमी के लिए गर्व का पल था।

रोहित शर्मा और विराट कोहली भारतीय टेस्ट क्रिकेट के दो स्तंभ रहे हैं। रोहित ने 67 टेस्ट मैचों में 4301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं, उनका औसत 45.5 रहा। दूसरी ओर, कोहली ने 123 टेस्ट मैचों में 9230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 32 अर्धशतक शामिल हैं, उनका औसत 48.58 रहा। ये आंकड़े न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाते हैं, बल्कि भारतीय बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ होने का प्रमाण भी हैं।

भारतीय क्रिकेट का एक युग हुआ समाप्त : इन दोनों के संन्यास का सबसे बड़ा प्रभाव भारतीय मध्य क्रम और सलामी जोड़ी पर पड़ेगा। रोहित ने बतौर सलामी बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में नया आयाम जोड़ा था, खासकर 2019 के बाद जब उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोनों पारियों में शतक जड़े। कोहली की आक्रामक बल्लेबाजी और उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारत को विदेशी धरती पर ऐतिहासिक जीत दिलाई, जैसे 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत।

आगामी इंग्लैंड दौरे पर, जहां भारत को पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है, इन दोनों की अनुपस्थिति भारतीय बल्लेबाजी को कमजोर कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यशस्वी जायसवाल और शुभमन गिल जैसे युवा खिलाड़ी रोहित की सलामी भूमिका को संभाल सकते हैं, लेकिन कोहली के मध्य क्रम में अनुभव और स्थिरता की कमी खलेगी। इसके अलावा, कप्तानी का दायित्व अब जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों पर आ सकता है, जिन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नेतृत्व क्षमता दिखाई।

सही समय पर कप्तान को निर्णय लेना जरूरी है : रोहित शर्मा और विराट कोहली, दोनों ने ही भारतीय क्रिकेट को अपनी कप्तानी में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। रोहित की कप्तानी में भारत ने 24 टेस्ट मैचों में 12 जीत हासिल की, जबकि कोहली ने 68 टेस्ट में 40 जीत दर्ज की। हालांकि, हाल के वर्षों में दोनों की फॉर्म में गिरावट देखी गई। रोहित का औसत ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 6 और न्यूजीलैंड के खिलाफ 15 रहा, जबकि कोहली का औसत पिछले 24 महीनों में 32.56 रहा।

ऐसे में, दोनों ने सही समय पर संन्यास का फैसला लिया। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि कप्तान के रूप में अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए, उन्होंने युवा खिलाड़ियों को मौका देने का रास्ता चुना। रोहित ने अपनी घोषणा में कहा, "मैं वनडे में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अब नई पीढ़ी को मौका देने का समय है।"

 अपने पीक पर पीछे हटने से बेहतर क्या हो सकता है? रोहित और कोहली ने अपने करियर के चरम पर कई रिकॉर्ड बनाए। रोहित के नाम वनडे में तीन दोहरे शतक और टी20 में पांच शतक हैं, जबकि कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में 2016-19 के बीच 27 शतक ठोके, जो उन्हें फैब-4 में सबसे आगे रखता था।
 

हालांकि, 2020 के बाद दोनों की फॉर्म में कमी आई। कोहली ने 2020 से 39 टेस्ट में केवल 3 शतक बनाए, जबकि जो रूट और केन विलियमसन जैसे खिलाड़ियों ने उसी अवधि में क्रमशः 19 और 12 शतक जड़े। ऐसे में, अपने पीक की स्मृतियों को बरकरार रखते हुए संन्यास लेना एक साहसिक और सम्मानजनक निर्णय है। यह न केवल उनकी विरासत को सुरक्षित रखता है, बल्कि युवा खिलाड़ियों को प्रेरित भी करता है।


टीम और देश के लिए सही समय पर सही निर्णय लिया : रोहित और कोहली का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक नई शुरुआत है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी उनके योगदान को सराहा। बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "रोहित और कोहली की जोड़ी ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई दिशा दी। उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेगी।"


यह निर्णय न केवल व्यक्तिगत स्तर पर, बल्कि टीम के भविष्य के लिए भी महत्वपूर्ण है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में हाल की हार ने दिखाया कि भारतीय टेस्ट टीम को बदलाव की जरूरत है। रोहित और कोहली ने यह समझा कि अब समय है नई पीढ़ी को मौका देने का, जिसमें देवदत्त पडिक्कल, साई सुदर्शन और यशस्वी जायसवाल जैसे नाम शामिल हैं।

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, केवल वनडे खेलते रहेंगे : विराट कोहली ने अपने संन्यास की घोषणा में साफ किया कि वह वनडे क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखेंगे। कोहली ने कहा, "टेस्ट क्रिकेट ने मुझे बहुत कुछ सिखाया, लेकिन अब मैं वनडे में अपनी ऊर्जा लगाना चाहता हूं।" यह निर्णय उनके फिटनेस स्तर और वनडे में उनकी निरंतरता को दर्शाता है, जहां उन्होंने 271 मैचों में 13848 रन बनाए हैं, जिसमें 50 शतक शामिल हैं।

“I’ll always look back at my Test career with a smile.”  – Virat Kohli on Instagram pic.twitter.com/KE8MIBxnD8

— Cricket97 (@cricket97bd) May 12, 2025
अपने टेस्ट करियर को खुशी से याद रखूंगा', टेस्ट संन्यास पर बोले कोहली : कोहली ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "14 साल की टेस्ट यात्रा ने मुझे अनुशासन, जुनून और देश के लिए खेलने का गर्व सिखाया। मैं इसे हमेशा खुशी से याद रखूंगा।" उनकी यह बात न केवल उनके करियर के प्रति उनके समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि वह अपने फैसले से संतुष्ट हैं।

रोहित शर्मा और विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के एक युग का अंत है। उनके आंकड़े, नेतृत्व और जुनून ने भारतीय क्रिकेट को विश्व पटल पर नई पहचान दी। हालांकि, उनका यह फैसला युवा खिलाड़ियों के लिए नए अवसर लेकर आया है। जैसा कि कोहली ने कहा, "यह समय अगली पीढ़ी के लिए है।" अब यह युवा खिलाड़ियों पर निर्भर है कि वे इस विरासत को आगे बढ़ाएं और भारतीय टेस्ट क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं!

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