पाकिस्तान पर प्रहार करने वाले तिलक वर्मा बन गए हैं भरोसे का प्रतीक

WD Sports Desk

सोमवार, 29 सितम्बर 2025 (18:30 IST)
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में रविवार को खेले गए एशिया कप फाइनल में भारत के माथे पर जीत का तिलक लगाने वाले तिलक वर्मा आज न केवल हर भारतीय की जुबान पर हैं, बल्कि भरोसे का प्रतीक भी बन गए हैं।

आठ नवंबर 2002 को आंध्रप्रदेश के हैदराबाद में तेलगु परिवार में जन्में तिलक वर्मा ने 21 की उम्र पार करने से पहले ही अगस्त 2023 में भारत के लिए अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच खेला था। अपने इस पहले मैच में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरी और तीसरी ही गेंद पर दो शानदार छक्के लगाकर साबित कर दिया कि वह क्रिकेट जगत में अपनी धाक जमाने के लिए आए हैं।

2018-19 में हैदराबाद की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया
 

एक वक्त था जब इस प्रतिभावान खिलाड़ी के पिता श्री नम्बूरी नागराजू के पास इतने पैसे नहीं थे कि वह निजी कोचिंग की व्यवस्था कर पाते, लेकिन तब तिलक के पहले कोच श्री सलाम बयाश ने न केवल उनके लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की, बल्कि आवश्यक सामान भी जुटाए। तिलक ने उनके भरोसे पर खरे उतरते हुए 2018-19 में हैदराबाद की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्हें जल्द ही, 2020 में दक्षिण अफ्रीका में खेले जाने वाले अंडर-19 विश्वकप के लिए चुन लिया गया, जहां उन्होंने तीन पारियों में महत्वपूर्ण 86 रन बनाए।

मुंबई इंडियन्स ने उन्हें 1.70 करोड़ में खरीद लिया

तिलक घरेलू क्रिकेट में 2021 में हैदराबाद की ओर से खेलते हुए सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया और सात पारियों में 147.26 के स्ट्राइक रेट से 215 रन बनाए। इस प्रदर्शन पर आईपीएल टीमों की नजर गई और 2022 के मेगा ऑक्शन में मुंबई इंडियन्स ने उन्हें 1.70 करोड़ में खरीद लिया। तिलक ने अपने पहले आईपीएल सीजन में सभी 14 मैच खेले और 36.09 की औसत एवं 131.02 की स्ट्राइक रेट से 397 रन बनाए। आईपीएल के इस शानदार प्रदर्शन ने भारतीय टीम में उनके चयन का मार्ग प्रशस्त कर दिया और उन्होंने 2023 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ अपना पदार्पण किया।

तिलक वर्मा ने अब तक के अपने क्रिकेट कैरियर में 32 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैचों में 30 पारियों में 149 की स्ट्राइक रेट से 962 रन बनाए हैं। अपने टी-20 करियर में उन्होंने दो शतक लगाए हैं और वह भी लगातार दो पारियों में, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। उनका एक पारी में सबसे अधिक स्कोर 120 नाबाद रन है।

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तिलक को हालांकि एक दिवसीय मैचों में बहुत मौका नहीं मिला है, लेकिन उन्होंने चार मैचों में एक अर्धशतक जड़ दिया है। उन्होंने प्रथम श्रेणी में 22 मैचों में 34 पारियां खेलते हुए अब तक 1562 रन बनाए है। उल्लेखनीय है कि बाएं हाथ का यह बल्लेबाज, बॉलिंग ऑल राउंडर है, जिसने अंतरराष्ट्रीय टी-20 में छह पारियों में गेंदबाजी करके तीन विकेट भी हासिल किये है।

तिलक के पिता श्री नागराजू पेशे से एक इलेक्ट्रीशियन हैं और वह भी हर पिता की तरह चाहते थे कि उनका बेटा एक स्थायी आय वाले पेशे में जाए। वह चाहते थे कि उनका बेटा डॉक्टर बने, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने आप को अपने बेटे पर नहीं थोपा। तिलक की मां एक गृहणी हैं और उनके छोटे भाई तरुण वर्मा भी एक खिलाड़ी हैं, वह राष्ट्रीय स्तर पर बैडमिंटन खेल चुके हैं।(एजेंसी)

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