'मसाला क्रिकेट' से टेस्ट में प्रदर्शन पर असर नहीं पड़ता : जडेजा

शुक्रवार, 15 अप्रैल 2016 (23:30 IST)
राजकोट। क्रिकेट विद्वान भले ही इस बात से चिंतित हों कि ट्वेंटी-20 से खिलाड़ियों की तकनीक पर असर पड़ रहा है लेकिन भारतीय ऑलराउंडर रवीन्द्र जडेजा को लगता है कि इस प्रारूप से क्रिकेटरों के कौशल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, क्योंकि वे जरूरत पड़ने पर किसी भी प्रारूप में ढलने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं।
जडेजा ने अपनी टीम गुजरात लॉयंस के यहां राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स पर 7 विकेट की जीत दर्ज करने के बाद कहा कि खिलाड़ी बहुत तेजी से हालातों के अनुसार अनुकूलित हो जाते हैं और मुझे नहीं लगता कि सीमित ओवरों के क्रिकेट से खिलाड़ियों पर कोई नकारात्मक असर पड़ेगा। लॉयंस ने ब्रैंडन मैक्कुलम (49) और आरोन फिंच (50) के बल्ले से शानदार प्रदर्शन के बूते 164 रन के प्रतिस्पर्धी लक्ष्य का पीछा आसानी से कर लिया।
 
जडेजा ने कहा कि फिंच और मैक्कुलम 'पॉवर-हिटर' हैं और उन्होंने 9 से कम ओवर में 85 रन जोड़कर मध्यक्रम के बल्लेबाजों पर दबाव कम कर दिया। फिंच और मैक्कुलम ने शुरुआती विकेट के लिए 85 रन की साझेदारी निभाई। 
 
फिंच ने 36 गेंद में 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से 50 रन बनाए जबकि मैक्कुलम ने 31 गेंदों में 49 रन जोड़े जिसमें 3 चौके और 3 छक्के जड़े थे।
 
जडेजा ने कहा कि सलामी बल्लेबाजों ने सुनिश्चित किया कि बड़े शॉट की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि सलामी बल्लेबाजों द्वारा शानदार शुरुआत के बाद बड़े शॉट लगाने की कोई जरूरत ही नहीं थी। (भाषा)

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