सहवाग को डांटने वाले मशहूर अंपायर का हुआ निधन, वीरू ने किया ट्वीट

मंगलवार, 9 अगस्त 2022 (19:00 IST)
केपटाउन: दक्षिण अफ्रीका के पूर्व ICC एलीट पैनल अंपायर रूडी कर्ट्ज़न का केप टाउन में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया है।ईएसपीएन क्रिक इन्फो के अनुसार, जब यह सड़क दुर्घटना हुई तब 73 वर्षीय कर्ट्ज़न एक कार में केपटाउन से ईस्टर्न केप प्रांत में अपने घर जा रहे थे।वह 73 साल के थे। उनके परिवार में पत्नी और चार बच्चे हैं।

कर्ट्ज़न ने 2010 में सन्यास लेने से पहले 331 मैचों में अंपायर की भूमिका निभाई, जो उस समय एक रिकॉर्ड था। वह 100 से ज्यादा मैचों में अंपायरिंग करने वाले तीन अंपायरों में से एक हैं। इनके अलावा पाकिस्तान के अलीम दार और वेस्ट इंडीज़ के स्टीव बकनर भी ऐसा कर चुके हैं।

कर्टजन 2002 में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के एलीट पैनल के अंपायर बने थे और आठ वर्षों तक इसका हिस्सा रहे।उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान 397 मैचों में मैदानी और तीसरे अंपायर की भूमिका निभाई। उन्होंने 128 टेस्ट, रिकॉर्ड 250 एकदिवसीय और 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय में अंपायरिंग की है।

RIP Rudi Koertzen

The umpire has sadly passed at the age of 73 and will be remembered for his iconic 'slow finger'  pic.twitter.com/mFry06XOaP

— England’s Barmy Army (@TheBarmyArmy) August 9, 2022
दार ने कर्टज़न की मौत के बारे में कहा, "यह उनके परिवार, दक्षिण अफ्रीका और क्रिकेट के लिए सबसे बड़ी क्षति है। मैं उनके साथ इतने सारे मैचों में खड़ा था। वह न केवल एक अंपायर के रूप में बहुत अच्छे थे, बल्कि एक उत्कृष्ट सहयोगी भी थे। हमेशा मैदान पर बहुत सहयोगी और हमेशा मैदान के बाहर मदद करने के लिए तैयार रहते थे। अपने किरदार की वजह से वह खिलाड़ियों के बीच भी सम्मानित थे।"

कर्टज़न के हमवतन अंपायर मरैस इरास्मस ने कहा, "रूडी शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद मजबूत थे। उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी अंपायरों के लिए विश्व मंच पर पहुंचने का मार्ग प्रशस्त किया। हम सभी को विश्वास दिलाया कि यह संभव है। एक युवा अंपायर के रूप में मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है।"

भारत के खिलाफ की थी पहली बार अंपायरिंग

कर्टज़न की पहली अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला 1992-93 में भारत का दक्षिण अफ्रीका दौरा था, जिसके दूसरे एकदिवसीय मैच में उन्होंने पहली बार अंपायरिंग की थी।आगे चलकर वह दुनिया के सबसे अच्छे और सबसे सम्मानित अंपायरों में से एक बने। सितंबर 1999 में सिंगापुर में वेस्टइंडीज और भारत के बीच एक मैच में हेरफेर करने के लिए रिश्वत से इनकार करने के लिए उन्होंने खूब प्रशंसा प्राप्त की थी।

Vale Rudi Koertzen ! Om Shanti. Condolences to his family.

Had a great relation with him. Whenever I used to play a rash shot, he used to scold me saying, “Play sensibly, I want to watch your batting”.

One he wanted to buy a particular brand of cricket pads for his son (cont) pic.twitter.com/CSxtjGmKE9

— Virender Sehwag (@virendersehwag) August 9, 2022
सिर्फ दक्षिण अफ्रीकी ही नहीं पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी उनको याद करते हुए ट्वीट किया कि जब वह खराब बल्लेबाजी करते थे तो वह उन्हें डांटा करते थे ताकि वह उनकी बल्लेबाजी और देख पाए।

ऐसे हुई दुर्घटना

‘एलगोवा एफएम न्यूज’ की खबर के मुताबिक, ‘‘मंगलवार की सुबह रिवरडेल के पास आमने-सामने की टक्कर में विश्व प्रसिद्ध क्रिकेट अंपायर रूडी कर्टजन और तीन अन्य लोगों की मौत हो गई। 73 साल के कर्टजन सप्ताहांत गोल्फ खेलने के बाद केप टाउन से घर ‘नेल्सन मंडेला बे’ लौट रहे थे।’’

इस पूर्व अंपायर के बेटे जूनियर रूडी कर्टजन ने इस खबर की पुष्टि की।उन्होंने बताया, ‘‘ वह कुछ दोस्तों के साथ गोल्फ प्रतियोगिता में भाग लेने गये थे। उन्हें सोमवार को लौटना था लेकिन उन्होंने फिर एक और दौर का मैच खेलने का फैसला किया।’’

एक विवाद में भी फंसे थे

कर्टजन 2002 में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) के एलीट पैनल के अंपायर बने थे और आठ वर्षों तक इसका हिस्सा रहे।वह इस दौरान विवादों में भी घिरे। उन्होंने नियमों की गलत व्याख्या कर ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के बीच 2007 में खेले गए क्रिकेट विश्व कप के फाइनल मैच को कम रोशनी में भी जारी रखा।

आईसीसी ने इसके बाद उन्हें टी20 विश्व कप के पहले सत्र में अंपायर नहीं रखा था। इस विश्व कप को उनके देश में ही खेला गया था।

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