नई दिल्ली। भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज अजीत आगरकर का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण लार पर प्रतिबंध सुरक्षित खेल के लिए जरूरी है लेकिन इस बीमारी की जांच में सामान्य रहने पर आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) को इसके इस्तेमाल की छूट देने पर विचार करना चाहिए। आगरकर ने क्रिकेट में लार के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि यह गेंदबाजों के लिए उतनी ही जरूरी है, जितना बल्लेबाजों के लिए बल्ला जरूरी होता है।
आईसीसी का यह प्रतिबंध आठ जुलाई से इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच खेली जानी वाली तीन टेस्ट की श्रृंखला से लागू होगा। कोविड-19 महामारी के कारण पिछले तीन महीने में यह पहली टेस्ट श्रृंखला होगी। भारत के लिए 191 एकदिवसीय और 26 टेस्ट खेलने वाले आगरकर ने कहा, ‘मेरी चिंता इस बात को लेकर है कि मैच शुरू होने से पहले खिलाड़ियों की जांच की जाएगी। अगर वह कोविड-19 से संक्रमित नहीं है तो आप लार के इस्तेमाल पर विचार कर सकते है।’
इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘यह मेरा विचार है और इस मुद्दे पर चिकित्सा क्षेत्र का कोई जानकर बेहतर जानकारी दे सकता है।’ पूर्व गेंदबाज ने हालांकि माना कि मौजूदा परिस्थितियों में आईसीसी की क्रिकेट और चिकित्सा समिति के पास प्रतिबंध के अलावा कोई और विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, ‘गेंद को चमकाना बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए कोई दूसरा तरीका मौजूद नहीं है लेकिन समितियों (आईसीसी की क्रिकेट एवं चिकित्सा समिति) के लिए यह एक मुश्किल है फैसला होगा।’
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 349 विकेट लेने वाले 42 साल के आगरकर ने कहा, ‘जाहिर है उन्होंने एक सुरक्षित तरीका अपनाया है और मौजूदा स्थिति में यह समझ में आता है। हमें एक बार इंग्लैंड की श्रृंखला के खत्म होने का इंतजार करना होगा। यह गेंदबाजों के लिए आसान नहीं होने वाला है लेकिन हमें इंतजार करना पड़ेगा।’ आगरकर ने कहा कि क्रिकेट में पहले से ही ‘बल्लेबाजों के पक्ष में है’, लार पर प्रतिबंध से तेज गेंदबाजों की स्थिति और दयनीय होगी।
एकदिवसीय क्रिकेट में भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वालों की सूची में तीसरे स्थान पर काबिज अगरकर ने कहा, ‘अगर आप किसी भी गेंदबाज से पूछेंगे, तो हर कोई थोड़ा आशंकित होगा। हाल के दिनों में हालांकि पिच गेंदबाजों के लिए काफी मददगार रही है, जो थोड़ा अधिक संतुलन बिठाता है। कुल मिलाकर अगर आप देखें तो इस समय बल्लेबाज विश्व क्रिकेट पर हावी हैं।’ (भाषा)