भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि रोहित शर्मा का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चल रहे पांचवें टेस्ट से बाहर होने का फैसला अजीब है क्योंकि इससे गलत संकेत जाता है और नियमित कप्तान को टीम प्रबंधन से अधिक सम्मान मिलना चाहिए।
खराब फॉर्म से जूझ रहे रोहित ने सिडनी टेस्ट से आराम करने का विकल्प चुना और कप्तानी की जिम्मेदारी जसप्रीत बुमराह को सौंप दी। इस कदम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के अहम मैच में शुभमन गिल के शामिल होने का रास्ता भी साफ कर दिया।
सिद्धू ने एक्स पर पोस्ट में लिखा, कप्तान को कभी भी श्रृंखला के बीच में नहीं हटाया जाना चाहिए और ना ही उसे बाहर होने का विकल्प दिया जाना चाहिए। इससे गलत संकेत जाता है।
रोहित अपने दूसरे बच्चे के जन्म के लिए पर्थ में शुरुआती टेस्ट में नहीं खेल पाये थे और उन्होंने तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में केवल 31 रन बनाए हैं।
सिद्धू ने कहा, मार्क टेलर, मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे कप्तान खराब फॉर्म के बावजूद एक साल तक कप्तान बने रहे। रोहित टीम प्रबंधन से अधिक सम्मान और भरोसे के हकदार थे। यह अजीब है क्योंकि यह भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ है। बहुत बड़ी गलती।
A Captain should never be dropped midstream nor given the option to opt out … sends wrong signals …. Have seen Captain s like Mark Taylor , Azharuddin etc persisted as captain for a year despite bad form …. @ImRo45 deserved more respect and faith from the management …… pic.twitter.com/OJcSF9r3fU
टेस्ट क्रिकेट में रोहित शर्मा को शायद आखिरी बार खेलते देख लिया: गावस्कर, शास्त्री
भारत के पूर्व क्रिकेटरों सुनील गावस्कर और रवि शास्त्री का मानना है कि बॉक्सिंग डे टेस्ट शायद रोहित शर्मा का आखिरी टेस्ट था जिन्होंने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पांचवें और आखिरी टेस्ट से खुद को बाहर रखा है।सैतीस वर्ष के रोहित ने पांचवें टेस्ट में खुद को आराम देने का फैसला किया है। रोहित तीन टेस्ट की पांच पारियों में 31 रन ही बना सके।
गावस्कर ने पहले दिन के खेल के दौरान लंच ब्रेक में कहा , इसके मायने हैं कि अगर भारत विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल के लिये क्वालीफाई नहीं करता है तो मेलबर्न टेस्ट रोहित का आखिरी टेस्ट होगा।उन्होंने कहा , विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप चक्र इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के साथ शुरू होगा और चयनकर्ता ऐसे खिलाड़ी को चाहेंगे जो 2027 फाइनल खेल सके। भारत वहां पहुंचता है या नहीं, यह बाद की बात है लेकिन चयन समिति की यही सोच होगी।उन्होंने कहा ,हमने शायद रोहित शर्मा को आखिरी बार टेस्ट खेलते देख लिया।
वहीं शास्त्री ने कहा , टॉस के समय मेरे पूछने से पहले ही जसप्रीत बुमराह ने यह बात कही कि कप्तान ने बाहर रहने का फैसला किया है और कहा कि शुभमन गिल के खेलने से टीम मजबूत होगी।उन्होंने कहा , यह होता है जब आपके रन नहीं बन रहे हो और मानसिक रूप से आप वहां नहीं हों। यह कप्तान का काफी साहसी फैसला है कि वह इस मैच में बाहर रहने को तैयार हुए।
भारत श्रृंखला में 1-2 से पीछे है और बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने पास रखने के लिये उसे सिडनी टेस्ट हर हालत में जीतना है। अगर यहां टीम हारती है तो डब्ल्यूटीसी फाइनल में पहुंचने की सारी उम्मीदें खत्म हो जायेंगी।भारत को अगली टेस्ट श्रृंखला जून में खेलनी है।
शास्त्री ने कहा , अगर घरेलू सत्र चालू होता तो वह आगे खेलने की सोच भी सकता था लेकिन मुझे लगता है कि वह इस टेस्ट के बाद घोषणा कर देगा।
उन्होंने कहा , वह युवा नहीं है और ऐसा नहीं है कि भारत के पास युवाओं की कमी है। बहुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी टीम में आने की दहलीज पर हैं। कठिन फैसला है लेकिन सभी को एक दिन यह फैसला लेना है।
पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने रोहित के फैसले की तारीफ करते हुए कहा , एकदम रोहित शर्मा वाला फैसला। सही समय पर टीम के लिये सही फैसला लेना। लेकिन इस मसले को लेकर इतना रहस्य समझ में नहीं आया। टॉस के समय भी इस पर बात नहीं की गई। (भाषा)