गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के कार्यक्रम रोड टू वर्ल्ड कप ग्लोरी पर एकदिवसीय विश्व कप में भारतीय टीम के चयन को लेकर चर्चा करते हुए कहा कि बीसीसीआई को सबसे पहले ऐसे खिलाड़ियों को पहचानने की जरूरत है जो निडर रवैये के साथ खेल सकते हैं। उन्होंने कहा कि एकदिवसीय क्रिकेट में हर तरह के खिलाड़ी की जरूरत होगी, ऐसे खिलाड़ियों की भी जो पिच पर टिककर खेल सकते हैं।
विश्व कप 2011 जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे गंभीर ने कहा, “खिलाड़ियों की भूमिका बदलने से भी खेल पर प्रभाव पड़ा है। मुझे हमेशा लगता है कि जब हम इस नये रवैये के बारे में बात करते हैं, तो आपको ऐसे खिलाड़ियों की पहचान करनी होगी जो उन भूमिकाओं या उस खाके को बहुत आसानी से अपना सकते हैं। कुछ लोग उस खाके के अनुकूल नहीं खेल सकते, इसलिये उन्हें एक निश्चित तरीके से खेलने के लिये धकेलने के बजाय सही खिलाड़ियों की पहचान करना और साथ ही टीम में सही मिश्रण हासिल करना बहुत जरूरी है।”
गंभीर ने कहा, “मुझे लगता है कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और वे सभी खिलाड़ी जो विकेट पर टिक सकते हैं और स्पिन को वास्तव में अच्छी तरह से खेल सकता है, वह आने वाले विश्व कप में बड़ी भूमिका निभाएंगे।”
उन्होंने कहा, “इस साल जरूर वनडे पर ध्यान देना चाहिये। तीन से ज्यादा प्रारूप खेलने वाले खिलाड़ी अगर ब्रेक लेना चाहें तो टी20 क्रिकेट से ब्रेक जरूर ले सकते हैं, लेकिन वनडे फॉर्मेट से तो बिल्कुल नहीं। उन्हें एक साथ खेलना है। मुझे लगता है कि पिछले दो विश्व कप में भारतीय क्रिकेट ने सबसे बड़ी गलती यह की है कि इन लोगों ने एक साथ पर्याप्त क्रिकेट नहीं खेली है। मुझे बताओ कि हमने मैदान में कितनी बार सर्वश्रेष्ठ एकादश उतारी है? हमने ऐसा नहीं किया, केवल विश्व कप के दौरान हमने सर्वश्रेष्ठ एकादश रखने का फैसला किया, लेकिन दुर्भाग्य से वह कभी भी सर्वश्रेष्ठ एकादश नहीं रही। इसलिए इन खिलाड़ियों को पर्याप्त सीमित ओवर क्रिकेट खेलनी होगी, खासकर 50 ओवरों के विश्व कप के लिये, भले ही वे टी20 या फिर आईपीएल से ब्रेक लेना चाहते हों। ब्रेक टी20 प्रारूप में होना चाहिये न कि 50 ओवरों में। अगर फ्रेंचाइजी को नुकसान उठाना पड़ता है तो यह ही सही।”(वार्ता)