उन्होंने ‘आज तक सलाम क्रिकेट’ कार्यक्रम में कहा, ऐसा होना असंभव है क्योंकि कोच पूर्व की पीढ़ी के साथ खेलता था और इसलिए उसका रवैया वर्तमान पीढ़ी से थोड़ा भिन्न होता है। मैदान पर भले ही यह नहीं दिखे लेकिन अभ्यास सत्र या टीम संयोजन तैयार करते समय यह अंतर सामने आ सकता है। मुझे नहीं लगता कि हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि इस तरह की चर्चा टीम के लिये अच्छी होती हैं।
गावस्कर ने हालांकि कुंबले की तारीफ की जिनके कोच बनने के बाद भारत ने अधिकतर मैचों में जीत दर्ज की। उन्होंने कहा, कुंबले ने कोच के रूप में बहुत अच्छी भूमिका निभाई है। मैं केवल परिणामों की बात कर रहा हूं और जब आप पिछले साल के परिणामों पर गौर करते हो तो आप कह सकते हो कि उसने कुछ भी गलत नहीं किया।
गावस्कर ने इसके साथ ही कहा कि कोच उस व्यक्ति को बनाया जाना चाहिए जो भारतीय क्रिकेट के लंबी अवधि के हितों को ध्यान में रखे। उन्होंने कहा, कोच ऐसा होना चाहिए जिसके पास भारतीय क्रिकेट के लिए दृषिटकोण हो। (भाषा)