जीत के बाद भी कोहली नहीं खुश, बताया यह कारण

मंगलवार, 28 मार्च 2017 (19:40 IST)
धर्मशाला। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा कि जब मौजूदा टीम विदेशी सत्र में जीतेगी तो उनके चेहरे पर मुस्कुराहट और चौड़ी होगी। यह पूछने पर कि पिछले 13 में से 10 टेस्ट जीतने के बावजूद वे खुश क्यो नहीं दिख रहे, कोहली ने कहा कि इससे यह समझना चाहिए कि यह किसी चीज का अंत नहीं है।
 
अपनी उपलब्धि पर अति उत्साहित होने की जरूरत नहीं है। हम नंबर वन रैंकिंग पाकर खुश हैं लेकिन हमारी असल चुनौती अब शुरू होती है। यदि हम विदेशी सत्र में भी जीत सके तो प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट और चौड़ी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला का सबसे बड़ा हासिल भविष्य के लिए टीम तैयार करना रहा।
 
उन्होंने कहा कि यह फख्र का पल है। हमने पूरे सत्र में अच्छा खेला और भविष्य के लिए अच्छी टीम तैयार करना जरूरी था जो लगातार अच्छा प्रदर्शन कर सके। हमने पूरे सत्र में यही किया। कोहली ने सहयोगी स्टाफ की तारीफ करते हुए कहा कि सभी को श्रेय जाता है। सहयोगी स्टाफ को श्रेय नहीं मिलता लेकिन उनका योगदान 40 प्रतिशत है क्योंकि वे खिलाड़ियों पर काफी मेहनत करते हैं। यह टीम प्रयास है और इसमें सभी शामिल हैं। उन्होंने अजिंक्य रहाणे की कप्तानी की तारीफ करते हुए कहा कि यह उसका ही सुझाव था कि पांच गेंदबाजों को लेकर उतरा जाए।
 
उन्होंने कहा कि मैंने मैच से पहले अजिंक्य से बात की और कहा कि तुम्हें तय करना है कि चार गेंदबाज चाहिए या पांच। उसने तुरंत कहा कि पांच गेंदबाजों की जरूरत है। कोहली ने कहा कि पांचवें गेंदबाज पर अनिल भाई, अजिंक्य और मैंने बात की। कुलदीप यादव एक्स फैक्टर था क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने उसे नहीं खेला था। मुझे लगता है कि अजिंक्य और अनिल भाई का फैसला शानदार था। बाहर बैठकर मैच देखना कठिन था, लेकिन कोहली ने खुशी जताई कि उनकी गैर मौजूदगी में टीम ने मिलकर जिम्मेदारी निभाई।
 
उन्होंने कहा , कल बाहर से जश्न मनाते हुए मैने चार बार कंधे को झटका दिया। मैं चेंज रूम में बैठक नहीं पा रहा था। बुरा लग रहा था। मुझे याद नहीं कि मैने लगातार कितने टेस्ट खेले हैं। मेरे पास हालांकि कोई विकल्प नहीं था क्योंकि 50 प्रतिशत फिटनेस के साथ खेलना सही नहीं होता। 
 

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