नई दिल्ली। भारत की पहली विश्व कप विजेता टीम के सदस्य और पूर्व कोच मदनलाल का कहना है कि पूरे साल क्रिकेट खेलने के लिए फिट होना बहुत जरूरी है और मौजूदा टीम इंडिया इस समय सबसे फिट टीम है।
मदनलाल ने बुधवार को यहां फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पैफी) के पुरस्कार वितरण समारोह से इतर यूनीवार्ता के साथ बातचीत में कहा कि आजकल की क्रिकेट बहुत व्यस्त हो गई है और किसी खिलाड़ी को यदि पूरे साल खेलना है तो उसे खुद को 100 फीसदी फिट रखना होगा।
1983 की विश्व कप विजेता टीम और मौजूदा टीम के बीच फिटनेस अंतर के बारे में पूछने पर पूर्व ऑलराउंडर ने कहा कि बेसिक स्कील्स तो वही हैं लेकिन जब आप समय के अनुसार आगे बढ़ते हैं तो सुधार होना बहुत जरूरी है। यदि सुधार नहीं हो रहा है तो आपको मानना होगा कि कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ है। टीम इंडिया के मौजूदा कोच रवि शास्त्री का भी कहना है कि जो खिलाड़ी फिट रहेंगे वही 2019 का विश्व कप खेल पाएंगे।
मदनलाल ने कहा कि हमारी टीम का सुधार बहुत अच्छा है, क्रिकेट में भी सुधार हो रहा है और सिस्टम भी लाइन पर आ रहा है। मैंने अभी विराट और टीम इंडिया के बाकी सदस्यों का जिम करते हुए वीडियो देखा था और मुझे लगता है कि यह टीम बहुत फिट दिखाई दे रही है। आपको अब साल में 3-3 फॉर्मेट के मैच खेलने होते हैं, ऐसे में खुद को फिट रखना निहायत जरूरी है।
इस पुरस्कार समारोह में मदनलाल के अलावा दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, ओलंपियन मुक्केबाज अखिल कुमार, जूडो ओलंपियन यशपाल सोलंकी, हॉकी द्रोणाचार्य अजय बंसल, पैफी के सचिव पीयूष जैन, अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मीनाक्षी पाहूजा, मैराथन धाविका सुनीता गोदारा मौजूद थे। उन्होंने पैफी के सेमिनार में फिटनेस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए युवाओं से अपील की कि वे इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
पूर्व मध्यम तेज गेंदबाज मदनलाल ने साथ ही कहा कि जीवन में आपको खुद को भी देखना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो निश्चित ही कुछ गलत है। या तो फिर आप डॉक्टर को पैसे दे दो या खुद को फिट रख लो।
भारतीय टीम के कुछ समय कोच रहे मदनलाल ने कहा कि जब मैं कोच था तो फिटनेस पर बहुत ज्यादा जोर देता था। फिटनेस से ही आप अपने प्रदर्शन को बढ़ा सकते हैं। स्कील से आप ऊंचे स्तर पर पहुंच सकते हैं लेकिन उसे बनाए रखने के लिए ऊंचे स्तर की फिटनेस की भी जरूरत होती है। आपको 20 ओवर करने हैं या 100 रन बनाने हैं, इसके लिए फिटनेस चाहिए। फिटनेस नहीं हैं तो आपके प्रदर्शन में गिरावट आती जाएगी।
मोहम्मद शमी, रविचन्द्रन अश्विन और रवीन्द्र जडेजा जैसे गेंदबाजों को विश्राम दिए जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि इससे पता लगता है कि टीम के पास कितनी अच्छी बेंच स्ट्रैंथ है जिससे खिलाड़ी रोटेट हो रहे हैं। यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
इस अवसर पर मनोज तिवारी ने भी फिटनेस पर जोर देते हुए कहा कि अपने समय में मैंने स्कूल कॉलेज में एथलेटिक्स, क्रॉस कंट्री और क्रिकेट को अपनाया था और क्रिकेट में मैं यूनिवर्सिटी का कप्तान भी रहा था। फिटनेस हर लिहाज से बहुत जरूरी है जिससे आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
अखिल, मीनाक्षी, यशपाल सोलंकी और पैफी के सचिव पीयूष जैन ने फिटनेस की जरूरत को रेखांकित किया और सेमिनार में विभिन्न वक्ताओं ने फिर इस बात पर जोर दिया कि खिलाड़ियों को कब और कैसे चोट लग जाती है और इनसे कैसे बचा जा सकता है? (वार्ता)