बुमराह के बारे में कोहली ने कही यह बात

रविवार, 30 दिसंबर 2018 (13:58 IST)
मेलबोर्न। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने जसप्रीत बुमराह को 'दुनिया का सर्वश्रेष्ठ (तेज) गेंदबाज' करार दिया और साथ ही कहा कि पर्थ के उछालभरे विकेट पर वे भी उसका सामना करते हुए डरते। बुमराह ने तीसरे टेस्ट में 86 रन देकर कुल 9 विकेट चटकाए जिससे भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 137 रन से हराकर 4 मैचों की श्रृंखला में 2-1 की अजेय बढ़त बना ली है।
 
टेस्ट क्रिकेट में अपने पदार्पण सत्र में 48 विकेट चटकाने वाले बुमराह की तारीफ करते हुए कोहली ने कहा कि मेरे अनुसार जसप्रीत दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज है। वह मैच विजेता है, इसमें कोई संदेह नहीं, फिर भले ही वह सिर्फ 12 महीने से (टेस्ट क्रिकेट) खेल रहा है।
 
कोहली ने कहा कि मेरे कहने का मतलब है कि अगर पर्थ जैसी पिच है तो ईमानदारी से कहूं तो मैं जसप्रीत बुमराह का सामना नहीं करना चाहता, क्योंकि अगर वह लय में आ गया तो आपको ध्वस्त कर सकता है। वह जिस तरह गेंदबाजी करता है वह किसी भी अन्य गेंदबाज से काफी अलग है और मुझे लगता है कि वह बल्लेबाज से अधिक इसे महसूस करता है। यही कारण है कि वह अपने कौशल को लेकर इतना आश्वस्त है।
 
कोहली ने कहा कि बुमराह की बेहतरीन फिटनेस और काम के प्रति ईमानदारी के अलावा उनके कौशल के कारण उन्होंने और मुख्य कोच रवि शास्त्री ने दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले उनके नाम पर गंभीरता से विचार किया। भारतीय कप्तान का मानना है कि बुमराह परिस्थितियों से खीजने की जगह प्रदर्शन करने की मानसिकता के साथ उतरता है जो उन्हें मैच विजेता बनाता है।
 
कप्तान ने कहा कि उसकी मानसिकता उसे फिलहाल दुनिया के अन्य गेंदबाजों से अलग बनाती है। वह पिच को देखता है और यह नहीं सोचता कि इन विकेटों पर काफी मशक्कत करनी होगी। वह सोचता है कि मैं कैसे टीम के लिए विकेट हासिल करूं और आपकी मानसिकता आपको बाकियों से अलग करती है। कप्तान ने खुलासा किया कि गेंदबाजी रणनीति मुख्य रूप से गेंदबाज स्वयं बनाते हैं और कप्तान के रूप में वह तभी अपनी बात रखते हैं जब 'प्लान बी' की जरूरत हो।
 
उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो गेंदबाजों की बैठक में मैं आम तौर पर सिर्फ बैठकर सुनता हूं। यह समझना बेहद महत्वपूर्ण है कि गेंदबाज क्या सोच रहे हैं। और इस प्रक्रिया के दौरान आप बी योजना पर काम करते हो और आप गेंदबाजों को इस बारे में बताते हो। हम ऐसे ही काम करते हैं। बुमराह के साक्षात्कार में भी देखने को मिला कि किस तरह टीम सबसे पहले आती है।
 
कोहली ने कहा कि यहां तक कि मैच के बारे में बुमराह का साक्षात्कार भी इस बारे में था कि मैं कैसे टीम में योगदान दे सकता हूं। पर्थ में उसे विकेट नहीं मिले और उसने यहां जिस तरह गेंदबाजी की वह दिखाता है कि वह मायूस नहीं होता और उसे पता है कि कभी ना कभी विकेट मिलेंगे। (भाषा)

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